ब्यूरोक्रेसी

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले पर सीएम गंभीर

दोषियों की अवैध संपत्ति जब्त कर लगाएं गैंगस्टर

गड़बड़ी के साक्ष्य वाली भर्ती परीक्षाएं हों निरस्त

दागियों की नियुक्तियां तत्काल की जाएं समाप्त

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में परीक्षा घोटाले को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खासी गंभीरता से लिया है। सीएम धामी ने सचिवालय में भर्ती घोटाले के संबंध में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। सीएम ने कहा पुलिस की जांच में और तेज़ी लाई जाए और दोषियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी, अवैध संपत्ति को ज़ब्त करने और गैंगस्टर एक्ट व पीएमएलए में कार्यवाही की जाए। 

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं उन्हें निरस्त कर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरु की जाए। साथ ही जो परीक्षाएं साफ सुथरे ढंग से गतिमान हैं उन्हें सुचारू रुप से समय पर संपन्न कराया जाए। जिन परीक्षाओं के माध्यम से दागी व्यक्तियों को नियुक्ति मिली है उनकी नियुक्ति निरस्त कर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए।  आयोग सुचारू रूप से चलाने के लिए वहां यथाशीघ्र एक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए।  

मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया में उजागर हुई कमियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने पर बल दिया। साथ ही साथ सभी विभागों में व्याप्त रिक्तियों को स्वच्छ एवं पारदर्शी तरीके से यथाशीघ्र भरने की सरकार की मंशा स्पष्ट की। इस बैठक में मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार और सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली उपस्थित रहे।

सीएम के इस फैसले कई परीक्षाओं के निरस्त होने आशंका है। इनमें स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा,ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती परीक्षा, वन आरक्षी भर्ती परीक्षा, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा और न्यायिक कनिष्क सहायक भर्ती परीक्षा शामिल है। अब तक एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया है कि तमाम दागी लोग गलत माध्यम से विभिन्न विभागों में नौकरियां पा चुके हैं। इन सभी को बाहर करके इनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।

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