राजनीति

सभी विभागों में भर्तियों की हो सीबीआई से जांच

कांग्रेसियों ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुई भारी गड़बड़ी

सहकारिता विभाग की भर्तियों में भी किया घोटाला

शिक्षा विभाग में भर्तियों में जमकर किया भ्रष्टाचार

स्वयं सहायता समूहों को भुगतान कराने की मांग

देहरादून। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन देकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों की भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देख-रेख में कराये जाने तथा आंगनबाडी केन्द्रों में खाद्यय सामग्री उपलब्ध कराने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को टी.एच.आर. (टेक होम राशन) का भुगतान कराने की मांग की।

प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि जनता ने बहुत आशा और विश्वास के साथ भाजपा को भारी बहुमत के साथ डबल इंजन का तोहफा दिया था परन्तु भय-भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली सरकार भ्रष्टाचार रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। सरकारी पदों पर अभी तक भर्तियां की भी गई हैं उनमें भारी भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद को अंजाम दिया गया है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ एवं अन्य पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रूपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का जीता-जागता प्रमाण है। भाजपा नेताओं के संरक्षण में हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों से साबित हो गया है कि भाजपा सरकार के साढे पांच वर्ष के कार्यकाल में राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फलता-फूलता रहा है। राज्य के सहकारिता विभाग में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता तथा भाई-भतीजावाद की पहले ही पोल खुल चुकी है। सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिली भगत कर अपने रिस्तेदारों, चहेतों को रेवडी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है।

कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं वे सिर्फ मोहरे मात्र हैं। राज्य में हुए सभी भर्ती घोटालों की उच्च स्तरीय जांच से ही असली घोटालेबाजों तक पहुंचा जा सकता है जो कि राज्य हित में अत्यंत आवश्यक है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों से टी.एच.आर. का कार्य छीनकर माह अप्रैल 2021 में ई-टेंडरिंग के माध्यम से बडे ठेकेदारों को यह कार्य सौंपे जाने केलिए निविदायें जारी कर दी गई, जिसके विरूद्ध राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आन्दोलन करने के साथ ही मा0 उच्च न्यायालय की शरण ली गई। 25 नवम्बर 2021 को मा0 उच्च न्यायालय द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के पक्ष में निर्णय देते हुए यथा स्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये गये जिसके बाद विभाग द्वारा टी.एच.आर. का भुगतान रोक कर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रताडित किया जा रहा है।

प्रतिनिधिमण्डल में माहरा के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्षॉ गणेश गोदियाल, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, विधायक फुरकान अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, मीडिया प्रभारी भारत जोडो यात्रा पीके अग्रवाल, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, कार्यकारी महानगर अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी, विरेन्द्र पोखरियाल, महामंत्री राजेन्द्र शाह, मानवेन्द्र सिंह, मीडिया पैनलिस्ट राजेश चमोली जिलाध्यक्ष संजय किशोर शामिल थे। 

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