एक्सक्लुसिव

उत्तराखंड में खासी गहरी हैं आउटसोर्स एजेंसी की जड़ें

पेपर लीकः एजेंसी पर किसका सियासी वरद हस्त

परीक्षा कराने वाली फर्म पर किसी की नजर नहीं

लगातार गड़बड़ी के बाद भी आयोग ने साधा मौन

काम न मिलने पर टेंडर निरस्त करने की तैयारी

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में विजिलेंस जांच कर रही हैं। लेकिन परीक्षा कराने वाली एजेंसी पर किसी की निगाह नहीं है। लगातार गड़बड़िया सामने आने के बाद भी आयोग ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। चर्चा है कि इस एजेंसी पर सियासी लोगों का वरद हस्त है और इसकी जड़े उत्तराखंड के कई विभागों में खासी गहरी हैं।

आयोग के 2017 से अब तक के कामों पर नजर डालें तो साफ दिखेगा कि परीक्षाओं का आयोजन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी आरएसएम टेक्नो सोल्यूशन हमेशा चर्चाओं में रही है। कई पेपर लीक हुए और अन्य तरह की गड़बड़ियां सामने आईं। लेकिन आयोग के कर्ताधर्ताओं ने कभी भी कोई सख्त एक्शन नहीं लिया और इसी से काम कराया जाता रहा।

अब ताजा पेपर लीक मामले में विजिलेंस एक दर्जन के करीब गिरफ्तारियां कर चुकी हैं। इनमें इस एजेंसी के कार्मिक भी शामिल हैं। इसके बाद भी विजिलेंस ने इस एजेंसी के मालिकों से कोई पूछताछ नहीं की। सीधे तौर दोषी होने के बाद भी आयोग ने भी इस एजेंसी को काली सूची में नहीं डाला। हां, दिखाने के लिए कहा गया कि अब एजेंसी को गोपनीय काम नहीं दिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि इस एजेंसी की उत्तराखंड में जड़ें खासी गहरी है। रसूखदार सियासी लोगों तक एजेंसी की सीधी पकड़ है। इसी वजह से इस एजेंसी के पास कई विभागों का काम है और आयोग या फिर विजिलेंस इस एजेंसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि एक विवि का काम देने के लिए निकाले गए टेंडर से यह एजेंसी बाहर हो गई है। अब सियासी लोग इस टेंडर को ही निरस्त कराने की जुगत में जुट गए हैं।

सवाल यह है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही इस निजी एजेंसी के खैरख्वाह सियासी लोगों को उत्तराखंड के हितों की भी कोई परवाह नहीं है। जानकारों का कहना है कि अगर इस एजेंसी को भी जांच के दायरे में लिया जाए तो कई सफेदपोश लोगों के चेहरे से भी नकाब हटाय़ा जा सकता है।

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