खुलासा

उत्तराखंड की जमीनों पर यूपी का कब्जा बरकरार

सवालः कैसे हो हो रहे हैं विवाद सुलझने के दावे उत्तराखंड

शंकर सिंह भाटिया

देहरादून। पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया में दिखाया जा रहा है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला सुलझ गया है। लेकिन असलियत ये है कि बड़े भाई यूपी की दबंगई कायम है और छोटा भाई उत्तराखंड हर शर्त मानने को तैयार है।

हालात ये हैं कि सिंचाई विभाग की 13000 हेक्टेयर से अधिक भूमि, चार हजार से अधिक भवनों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा है। कुछ भूमि तथा सिर्फ बीस प्रतिशत भवन को उत्तराखंड को देने पर सहमति हुई है। हरिद्वार में कुंभ मेला और कांवड़ मेला की 697.576 हेक्टेयर भूमि पर यूपी सिंचाई विभाग काबिज है। उत्तराखंड की नदियों का जल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को देने को तैयार नहीं है। उत्तराखंड के अंदर आवास विकास की भूमि उत्तराखंड को देने के बजाय उत्तर प्रदेश खुद उस भूमि का मालिक बने रहना चाहता है। हरिद्वार का भीमगौड़ा बैराज, बनबसा का लोहियाहैड बैराज, कालाकढ़ का रामगंगा बैराज अभी भी यूपी के कब्जे में हैं। टिहरी डैम का जिस हिस्से का मालिक उत्तराखंड को होना चाहिए, यूपी उसका मालिक बना हुआ है और करीब एक हजार करोड़ रुपये सालाना राजस्व ले रहा है। इतना ही नहीं ग्यारह विभागों की भूमि, भवन तथा अन्य परिसंपत्यिों पर उत्तराखंड की सीमा में उत्तर प्रदेश का कब्जा है। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्यिों का मामला सुलझ गया है। पास में खड़े उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चुपचाप सबकुछ सुनते रहते हैं।

वास्तव में उत्तराखंड इस बात पर मौन सहमति दे चुका है। इसका प्रमाण है उत्तराखंड पुनर्गठन विभाग का दो मार्च 2020 का पत्र। इसे अपर सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने जारी किया है। पत्र का शीर्षक है-राज्य पुनर्गठन विभाग, उत्तराखंड शासन की उपलब्धियों का अध्यतन विवरण-इस पत्र में छह बिंदु दिए गए हैं।

अंतिम बिंदु में कह गया है कि 25 जुलाई 2018 को संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में उत्तराखंड शासन द्वारा पुनर्गठन आयुक्त कार्यालय, लखनउ को बंद कर दिया गया है। 

उत्तराखंड की परिसंपत्तियों पर अभी उत्तर प्रदेश का काबिज रहना, उत्तराखंड के अंदर जमीनों, आवासीय/अनावासीय भवनों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा बरकरार रहना, झीलों की शिकारमाही में उत्तर प्रदेश का हस्तक्षेप बरकरार रहना, हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज, बनबसा के लोहियाहैड बैराज और कालागढ़ के रामगंगा बैराज पर उत्तर प्रदेश का कब्जा बरकरार रहना, टिहरी डैम के जिस हिस्से पर उत्तराखंड का स्वामित्व होना चाहिए उस पर उत्तर प्रदेश का काबिज रहना, और तमाम ग्यारह विभागों की बहुत सारी संपत्तियों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा बरकरार रहना यदि उत्तराखंड पुनर्गठन विभाग की उपलब्धियां हैं तो इस राज्य का भला भगवान ही कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button