समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति दिल्ली से करेगी काम
खर्च वहन करेगा गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय
इस बारे में मुख्यमंत्री ने नहीं की है कोई भी घोषणा
समिति को छह माह में सीएम को देनी हैं संस्तुतियां
नदीम उद्दीन को आरटीआई से मिली सूचना से खुलासा
देहरादून। सीएम दफ्तर ने साफ कर दिया है कि कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के बारे में मुख्यमंत्री ने कोई घोषणा नहीं की है। अबलत्ता इस बारे में गृह विभाग ने दो आदेश जारी किए हैं। इस बाबत मसौदा तैयार करने को बनी विशेषज्ञ समिति मुख्य रूप से कैंप कार्यालय दिल्ली से कार्य करेगी तथा इसका खर्च पुलिस मुख्यालय द्वारा वहन किया जाएगा।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने मुख्यमंत्री कार्यालय से समान नगारिक संहिता पर कार्यवाही के बारे में सूचनाएं मांगी थी। जवाब में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अभिलेखानुसार समान नगारिक संहिता के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है। गृह विभाग ने सूचना दी है कि इस बारे में एक पांच सदस्यों वाली विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। इसमें न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई-चेयरमैन और न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली के अतिरिक्त सेवानिवृत्त आईएएस. शत्रुध्न सिंह तथा दून विवि की कुलपति श्रीमति सुरेखा डंगवाल तथा सामाजिक कार्यकर्ता मनुगौर को सदस्य घोषित किया गया है।
नदीम को उपलब्ध सूचना में विशेषज्ञ समिति के उत्तरादायित्व कार्यालय व अध्यक्ष व सदस्यों की वेतन भत्ते, मानदेय, सुविधाओं तथा खर्च वहन को स्पष्ट किया गया है। इसमें यह भी स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा नामित एक सदस्य सचिव होंगे जो समय-समय पर समिति की बैठके आयोजित कराने एवं शासन से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे।
विशेषज्ञ समिति के प्रमुख कार्य व उत्तरदायित्वों में उत्तराखंड राज्य में निवास करने वाले समस्त नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रसंगिक कानूनों का मसौदा तैयार करना, उत्तराखंड मे प्रचलित कानूनों में संशोधन तथा सुझाव उपलब्ध कराना, विवाह, तलाक सम्पत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने एवं रखरखाव तथा संरक्षणता के सम्बन्ध में वर्तमान में प्रचलित कानूनों में एकरूपता लाने के लिये मसौदा तैय्यार करना तथा उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए मसौदा तैयार करना शामिल हैं। समिति का कार्यकाल छह माह होगा और इसी अवधि में आख्या मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करनी होगी।
समिति का एक कार्यालय देहरादून तथा एक कार्यालय नई दिल्ली/नोएडा में स्थापित किया जायेगा। अध्यक्ष के कैंप कार्यालय में तीन विधि सहायक तथा 06 व्यक्तियों (आशुलिपिक कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं चतुर्थ कर्मी सहित) की नियुक्ति की जायेगी। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता द्वारा वर्तमान में नई दिल्ली में उपयोग में लाये जा रहे शासकीय आवास टाईप-7 को समिति अध्यक्ष नियुक्त होने पर राज्य सरकार के अनुरोध पर आगामी 3 माह हेतु भारत सरकार द्वारा समय वृद्धि प्रदान की गयी है। समिति के कार्यालय हेतु फर्नीचर एवं उपकरणों की व्यवस्था दिल्ली में नोडल अधिकारी अजय मिश्रा द्वारा तथा देहरादून में राज्य सम्पत्ति अधिकारी द्वारा की जायेगी।
कार्यालय/आवास के बिजली एवं पानी आदि के बीजक स्थानिक आयुक्त कार्यालय के माध्यम से उत्तराखंड शासन को उपलब्ध कराने पर भुगतान गृह विभाग के बजट से किया जायेगा। विशेषज्ञ समिति के अध्यक्षा के पूर्व मे आवंटित वाहन (मय चालक) एवं ईधन पर व्यय तथा समिति के वेतन/मानदेय/सुविधाओं का भुगतान गृह विभाग द्वारा स्वीकृत पर पुलिस मुख्यालय द्वारा किया जायेगा।
समिति अपनी संस्तुति/आख्या तैयार करते समय प्रदेश के प्रमुख धर्मों/समुदायों एवं जनजातियों के प्रमुख प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी आमंत्रित करेगी और उनके द्वारा प्रस्तुत सुझावों/मतव्यों को सम्मलित करते हुए अपनी अंतिम आख्या मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करेगी।