इन उत्तराखंडः विधायक निधि हो बंद

सिस्टम से आहत एमएलए मनोज ने उठाई मांग
संस्तुतियों पर कुंडली मारकर बैठे हैं अफसर
नॉन प्रोफेशनल खरीद रहे चिकित्सा उपकरण
एक दिन भी नहीं चला 8 लाख का वेंटिलेटर
सीडीओ से विधायक कर रहे बैठक की मांग
देहरादून। केदारनाथ से विधायक मनोज रावत सरकारी सिस्टम से बुरी तरह आहत और खिन्न हैं। आलम यह है कि विधायक निधि से काम की संस्तुतियों पर अफसर कुंडली मारकर बैठ हैं। इसी निधि से आठ लाख की लागत से खरीदा गया एक वेंटिलेटर एक घंटे भी नहीं चला। इसी तरह से नॉन प्रोफेशनल लोग चिकित्सा उपकरणों की खरीद कर रहे हैं।
विधायक मनोज रावत का सीधा आरोप है कि विधायक निधि से होने वाले तमाम कार्यों में अफसर खेल कर रहे हैं। विधायक निधि से होने वाली तमाम संस्तुतियों में से केवल उन पर काम किया जाता है, जिनमें कुछ न कुछ खेल होता है। विधायक ने कहा कि चिकित्सा उपकरण भी विकासखंड के माध्यम से खरीदे जा रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी गुणवत्ता की खरीद हो रही होगी। मनोज ने बताया कि कोराना महामारी के समय उन्होंने एक वेंटिलेटर के लिए आठ लाख रुपये मंजूर किए थे। लेकिन यह वेंटिलेटर एक घंटे भी नहीं चला। इस बारे में अफसरों से पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया गया।

विधायक मनोज ने कहा कि उन्होंने डेढ़ करोड़ की लागत से चिकित्सा उपकरण खरीद का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए दून मेडिकल कॉलेज को एजेंसी बनाया गया था। लेकिन एक साल से इन उपकरणों की खरीद नहीं हो रही है। नियमानुसार विधायक की कोई संस्तुति अगर उचित नहीं है तो एक सप्ताह में संबंधित अफसर को इस बारे में विधायक को सूचित करना होता है।
एमएलए मनोज कहते हैं कि इस विधायक निधि ने विधायकों को पता नहीं क्या बना दिया है। इसका लगातार दुरुपयोग हो रहा है। कम से कम उत्तराखंड में तो इस विधायक निधि को अब बंद कर ही दिया जाना चाहिए।
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