प्रदेश कांग्रेस ने चंपावत डीएम के बयान पर उठाए सवालात 
निष्पक्ष चुनाव को जिलाधिकारी को हटाने की मांग
उप निर्वाचन अधिकारी को दिया एक ज्ञापन देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के नेतृत्व में उप निर्वाचन अधिकारी जितेन्द्र कुमार से मुलाकात कर जिलाधिकारी चंपावत को उनके पद से हटाने की मांग की।
प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शिकायती पत्र में चंपावत विधानसभा उप चुनाव की घोषणा के बाद उपरान्त 22 अप्रैल को जिलाधिकारी चम्पावत के पद पर नरेन्द्र सिंह भण्डारी की नियुक्ति पर आपत्ति दर्ज करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी चम्पावत जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, ने एक बयान दिया है। जिसमें उनके द्वारा जिला नोडल अधिकारी की नियुक्ति तिथि 30 अप्रैल, 2022 बताते हुए कांग्रेस पार्टी की शिकायत को गलत ठहराया गया है।
जबकि मुख्य विकास अधिकारी चम्पावत द्वारा अपने पत्रांक 98/समीक्षा बैठक/2022-23 दिनांक 7 मई, 2022 में मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 2 मई, 2022 को दिये गये निर्देशों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी चम्पावत पूरी तरह से राज्य सरकार के दबाव में कार्य कर रहे हैं। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी का वक्तव्य भारतीय प्रशानिक सेवा नियमावली के भी विरूद्ध है तथा उनके इस पद पर रहते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव की संभावना समाप्त होती दिखाई देती हैं। पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव हेतु जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को उनके पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए। यदि कांग्रेस पार्टी के आग्रह पर न्यायोचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो पार्टी इस संदर्भ में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के समक्ष भी अपना पक्ष रखेगी।
इस प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के अलावा गढ़वाल मण्डल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी, पूर्व मंत्री अजय सिंह, श्रीमती गोदावरी थापली, विजय पाल रावत, महिला जिलाध्यक्ष रूद्रप्रयाग शशि सेमवाल, जसविन्दर सिह गोगी, रॉबिन त्यागी, वेदान्त उपाध्याय, शिवकुमार राजपूत, अजय रावत, विनीत प्रसाद भट्ट, सुलेमान अली आदि शामिल थे।