एक्सक्लुसिव

शहर के अवैध निर्माण हों ध्वस्त, भ्रष्टाचारियों को करो बर्खास्त

उक्रांद ने किया एमडीडीए का घेराव

हयात होटल से वापल ली जाए वन विभाग की जमीन

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल शहर में अवैध निर्माण को लेकर एमडीडीए का घेराव कर  जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर उपाध्यक्ष को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान यूकेडी कार्यकर्ताओं ने प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आक्रोश व्यक्त किया।

इस मौके पर केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि देहरादून और इसके आस पास के क्षेत्रों में विगत कुछ सालों में बेतहाशा अनियमित निर्माण हो रहे हैं। जिनमें गुछुपानी, पुरकुल, सहस्त्रधारा, शिमला बाईपास, मसूरी रोड, मालदेवता आदि क्षेत्र में कई रिजॉर्ट, होटल, व्यवसायिक इमारत, कॉलोनी या अन्य तरह के निर्माण हैं। जिनके नक्शे पास नहीं हैं और न ही वे निर्माण नीति नियमानुसार बने हैं। ये भी देखने में आया है कि प्राधिकरण द्वारा अनियमित बने ऐसे निर्माण पर यदि कोई चालान जारी किये गए हैं तो उनमें समय व नियमानुसार कार्यवाही आज तक नहीं हुई है। हद तो ये है कि कई निर्माण हमारी ऐतिहासिक नदियों के किनारो पर बने हुए हैं। जो हमारे पर्यावरण के लिए घातक है और किसी भी हालात में स्वीकार योग्य नहीं है। सेमवाल ने कहा कि हयात होटल नाम से बनी इमारत का नक्शा पुनः निरिक्षण हो और जाँच चलने तक इमारत को सील कर दिया जाए व जितना भी भू भाग वन (जंगल) का इसमें निहित है वो वापस लिया जाए तथा नियमानुसार रास्ता न होने की दशा में इमारत का नक्शा निरस्त किया जाए।

केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि हमारी नदियों के किनारो पर कई रिजॉर्ट संचालित हैं जो कि पूर्णतया अवैध निर्माण की श्रेणी में आते हैं। शहरों में या शहर के आसपास ऐसी कई कॉलोनी बन रही हैं जो एमडीडीए  से स्वीकृत नहीं हैं पर वहाँ खरीद फरोख्त लगातार जारी है। उक्रांद ने आरोप लगाया कि शिमला बाई पास (सेक्टर 11) में अवैध प्लॉटिंग धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिनको  प्राधिकरण द्वारा नोटिस तो जारी किया गया परन्तु आज तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

यूकेडी केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल और उत्तरा पंत बहुगुणा ने कहा कि कारगी क्षेत्र में भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं और आपका एमडीडीए मूक दर्शक की भूमिका अदा कर रहा है। इन सब तथ्यों और अनियमित हो रहे निर्माण कार्यों को देख कर ये साफ प्रतीत होता है कि एमडीडीए में कार्यरत कर्मचारी जिनका काम निर्माण व्यवस्था को दुरुस्त रखना है वो अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं या फिर भ्रष्टाचार में पूरी तरह से लिप्त हो चुके हैं।

महानगर अध्यक्ष विजेंद्र रावत ने कहा कि प्राधिकरण में सिर्फ एक ही पटवारी है जबकि प्राधिकरण का क्षेत्र बहुत बड़ा है। ऐसे में लाज़मी हो जाता है कि कम से कम 2 पटवारी प्राधिकरण के पास हो जिससे कामों में पारदर्शिता बने और काम भी जल्द हो सकें।

एमडीडीए का घेराव करने वालों मे  शिवप्रसाद सेमवाल, अनुपम खत्री, राजेन्द्र पंत, गुलिस्ता खानम , इसलाम, सुलोचना ईष्टवाल, उत्तरा पंत बहुगुणा, सरोज रावत, मंजू रावत, लाल सिंह चौहान, सुनील ध्यानी, जयप्रकाश उपाध्याय, किरन रावत , पंकज पोखरियाल, अनिल डोभाल, मीना थपलियाल, संजीव शर्मा, राजेन्द्र गुसाईं आदि दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।

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