एक्सक्लुसिव

सीएम धामी ने मायावती आश्रम आने को मोदी को किया आमंत्रित

विकसित राज्य के रोडमैप पर लिया मार्गदर्शन

उत्तराखंड @25 थीम पर दिया है प्रजेंटेशन

सीमांत माणा में कैबिनेट बैठक प्रस्तावित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर सशक्त उत्तराखण्ड@25 के क्रम मॉं सरकार के रोडमैप को साझा कर मार्गदर्शन लिया। सीएम ने  प्रधानमंत्री को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी आमंत्रित किया। 

लगभग एक घंटे की इस मुलाकात में सीएम ने केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों तथा बदरीनाथ मास्टर प्लान की प्रगति के बारे में पीएम को अवगत कराया और कहा कि उक्त कार्य निर्धारित समय में पूर्ण करा लिये जायेंगे। धामी ने पीएम को बताया कि सशक्त उत्तराखण्ड @25 थीम पर नवम्बर माह में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में चिन्तन शिविर में राज्य के विकास हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया। आगामी पाँच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए रोजगार सृजन एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के दृष्टिगत आर्थिकी को बढ़ाने वाले सेक्टर चिन्हित किए गए हैं। कार्यों की द्रुतगति से बढ़ाने और व्यावहारिक रोडमैप तैयार करने व निवेश को बढ़ाने सम्बन्धी रणनीति, कार्ययोजना आदि हेतु Mckinsey जैसी प्रतिष्ठित एजेन्सी को नियोजित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि  नीति आयोग की भांति State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand (SETU) के गठन का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। चमोली में माणा गाँव को प्रदेश का प्रथम गाँव मानते हुए वहां कैबिनेट की बैठक आयोजित करना प्रस्तावित है। पीएम के गत उत्तराखण्ड भ्रमण पर पर्यटको से कम से कम पाँच प्रतिशत व्यय स्थानीय सामग्री क्रय करने की अपील को राज्य सरकार ने अपने प्रमुख एजेण्डा में शामिल किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रीन फील्ड सिटी विकसित करने के लिए पर्वतीय एवं मैदानी जनपदों में 15 स्थलों को चिन्हित किया गया है। अधिक मूल्य वाली कृषि/बागवानी को क्लस्टर फार्मिंग एप्रोच के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है, वर्तमान में 6624 क्ल्सटर चिन्हित किये गए है। मिशन प्राकृतिक खेती का क्रियान्वयन 11 जनपदों में आरम्भ किया जाना प्रस्तावित है। यह मिशन क्ल्सटर फार्मिंग एपरोच के आधार पर प्रस्तावित है, जिसमें प्रत्येक जनपद में 500-500 हेक्टेयर के दो क्ल्सटर का गठन किया जायेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत 35 रोपवे चिन्हित किये गये है, जिन पर निर्धारित अवधि में कार्य आरम्भ तथा उसे पूर्ण करने हेतु रणनीति तैयार की जा रही है।  आर०सी०एस० के अन्तर्गत 13 हैलीपोर्टस क्रियाशील है, जबकि राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों हेतु 19 हैलीपैड प्रस्तावित किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम जैसे धार्मिक पर्यटन की तरह “मानसखण्ड माला तैयार करने का कार्य आरम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत वे सभी पौराणिक धार्मिक क्षेत्र पर्यटन सर्किट से जुडगें, जो अभी तक मुख्य धारा में शामिल नहीं थे। इस कोरिडोर को तैयार करने से स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार की सम्भावना है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए स्वदेश दर्शन 2.0 के अन्तर्गत वित्तीय सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में यदि वर्षा पर निर्भर नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ दिया जाए तो इस अभिनव प्रयोग का लाभ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत को प्राप्त हो सकता है।  हिमालयी राज्यों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल स्रोत का तेजी से हास हो रहा है। इन जलधाराओं के पुर्नजीविकरण हेतु एक वृहत कार्यक्रम मिशन मोड में करने की प्रबल आवश्यकता है। बहुप्रदेशीय महत्व का यह कार्यक्रम भारत सरकार के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग के बिना सम्भव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा तथा हरिद्वार में कांवड यात्रा सहित अन्य धार्मिक यात्राओं के कारण राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या, जो लगभग प्रतिवर्ष 4-5 करोड़ होती है, के लिए न्यूनतम अवस्थापना सुविधाओं आवश्यक है। सामान्यतः तीर्थ यात्रियों के माध्यम से राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं के बराबर है। मुख्यमंत्री ने वित्तीय संसाधनों के आवंटन में इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखे जाने का अनुरोध किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ऑलवेदर रोड का कार्य राज्य में द्रुतगति से चल रहा है, परन्तु सामरिक दृष्टिकोण से इसे सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है। जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिर्टन निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य हेतु आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण  के निकट स्थित चौखुटिया क्षेत्र में नये एयरपोर्ट/ हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा।  आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि वनाग्नि ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यन्त आवश्यकता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button