राजनीति

भगतदा और उद्धव में और बढ़ेगी ‘तल्खी’

लंबे समय से महाराष्ट्र सरकार और राजभवन के बीच है तनाव

राज्यपाल को सरकारी विमान न देने का मामला

विप सदस्य नामित करने का प्रस्ताव भी लंबित

देहरादून। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सरकारी विमान इस्तेमाल न करने देने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर जिस अंदाज में मुखर हो रही है, उससे सियासी गलियारों में चर्चा है कि राज्यपाल भगतदा और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच तल्खी आगे और भी बढ़ेगी।

भगतदा के नाम से विख्यात उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। विगत दिवस महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई से देहरादून आने के लिए भगतदा को राजकीय विमान नहीं दिया। मजबूरन उन्हें सामान्य उड़ान से आना पड़ा। इस मामले में भगतदा ने सिर्फ इतना ही कहा कि ये उनका निजी दौरा नहीं था। लेकिन इस घटना के बाद से उत्तराखंड भाजपा ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को निशाने पर ले लिया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भगतदा और उद्धव के बीच की तल्खी और भी बढ़ेगी।

दरअसल, दोनों के बीच तल्खी लंबे समय से चल रही है। महाराष्ट्र में चुनाव के बाद जहां एक तरफ शिवसेना और महा अगाड़ी के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही थी तो इसी बीच भगतदा ने भाजपा नेता देवेंद्र फणनवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। यहां से ही विवाद की शुरुआत हुई। बाद में उद्धव मुख्यमंत्री बने तो विधान परिषद में सदस्य नामित करने को लेकर राजभवन और सरकार के बीच तनातनी रही। लॉकडाउन के दौरान मंदिर खोलने को लेकर भगतदा ने एक खत लिखकर मुख्यमंत्री उद्धव पर सवाल दागा कि क्या अब आप सेक्युलर हो गए हैं। इस पर उद्धव ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया कि मुझे किसी से हिंदुत्व के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। इस समय भी सरकार ने विधान परिषद में 12 सदस्यों को नामित करने का प्रस्ताव राजभवन को भेज रखा है। इस पर भी लंबे समय से कोई फैसला नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने इन्हीं वजहों से सरकारी विमान के इस्तेमाल की मंजूरी राज्यपाल कोश्यारी को नहीं दी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार और वहां के राजभवन के बीच तल्खी और भी बढ़ सकती है।

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