ब्यूरोक्रेसी

“हां” कहने में आड़े आ रहे नियमों में कर दीजिए बदलावःसंधू

 “ईगो शांत” करने को छोड़िए “ना” कहना

मुख्य सचिव ने अफसरों को इस अंदाज में दी नसीहत

मसूरी में सशक्त उत्तराखंड @25 थीम पर मंथन जारी

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने आज अफसरों को एक अगल ही अंदाज में नसीहत दी। डॉ. संधू ने कहा कि महज अपनी ईगो को शांत करने के लिए किसी से भी ना कहना छोड़िए। हर काम में नियमों का हवाला पर मत दीजिए और जरूरत पड़ने पर काम में आड़े आ रहे नियम को बदल दीजिए।

मसूरी स्थित लालबहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकदमी में शुरू हुए सशक्त उत्तराखंड @25 थीम पर मंथन शिविर में डॉ. संधू ने अफसरों को खास नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अफसर किसी भी काम के लिए ना कहने में गर्व सा महसूस करते हैं। उन्हें लगता है किसी को न कहकर उन्होंने बहुत बड़ा काम कर दिया है। आए दिन नियमों का हवाला देकर काम को टाला जाता है। अरे नियम तो हम लोगों ने ही बनाए हैं। अगर किसी काम में ये नियम या शासनादेश आड़े आ रहा है तो बदल दीजिए उसे। इसके बाद भी अगर काम संभव न तो उसे बता दीजिए तब न कहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि बी पॉजीटिव। यू आर पेड फॉर डिलीवर थिंग। यू आर पेड सेलरी नॉट टू से नो। काम बड़ा है तो नियमों में बदलाव करिए। इस वक्त सीएम सर का रुख भी बहुत पॉजीटिव है। हम लोग एक मिनट में कैबिनेट से फैसला करा ले रहे हैं। ऐसे में किसी को नो कहने की अपनी आदत में सुधार करिए। कई अफसर तो ऐसे हैं जो पूरी बात सुने बगैर ही नो कह देते हैं। फिर बाद में बताते भी है कि इतना बड़ा आदमी आया था और मैंने उसे नो कह दिया।

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