ब्यूरोक्रेसी

विवादों के घेरे में आया काबीना मंत्री प्रेम का जर्मनी दौरा

‘निजी कंपनी को स्पांसर करने के एवज में मिलेगा क्या’

शामिल अफसर भी आए आचरण निमयावली के दायरे में

कंपनी आखिर किस मद में दिखाएगी दौरे पर हुआ खर्च

देहरादून। विस में मनमानी नियुक्तियों को लेकर चर्चा में आए काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का जर्मनी का दौरा भी विवादों में आता दिख रहा है। इस दौरे का सारा खर्च एक निजी कंपनी उठा रही है। सवाल यह उठाया जा रहा है कि इस मोटे खर्च के एवज में काबीना मंत्री इस कंपनी को क्या देंगे या फिर दे चुके हैं।

मंत्री प्रेमचंद और उनकी पत्नी के साथ ही कुछ चुनिंदा अफसर 10 दिन के जर्मनी के दौरे पर गए हैं। अमर उजाला की खबर के अनुसार यह पूरा दौरा एक निजी कंपनी जीआईजेड ने स्पांसर किया है। सवाल यह उठ रहा है कि इस मोटे खर्च से कंपनी को क्या फायदा होगा। कोई कंपनी बगैर किसी लालच के इतना पैसा तो खर्च करने से रही। चर्चा है कि मंत्री सालिड वेस्ट मैनजमेंट में काम करने वाली इस कंपनी को या हो उपकृत कर चुके हैं या फिर आने वाले समय में ऐसा करेंगे।

इस दौरे में शामिल अफसर भी उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के दायरे में आ चुके हैं। विधि विशेषज्ञ नदीम उद्दीन कहते हैं कि निजी कंपनी के खर्चे में हो रहा यह दौरा सीधे तौर पर आचरण नियमावली के खिलाफ हैं। सवाल यह भी है कि दौरे में शामिल अफसर क्या इस निजी कंपनी को कोई फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। नदीम कहते हैं कि वैसे में कंपनी को अपने लेखों में इस दौरे पर हुए खर्च का ब्योरा दर्ज करना होगा। उस वक्त कंपनी को बताना होगा कि मंत्री और अफसरों के विदेश दौरे का खर्च उठाने के पीछे मकसद क्या था। यह भी हो सकता है कि आने वाले समय में इस दौरे को रिश्वतखोरी के रूप में भी देखा जाए।

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