तो क्या बड़े ‘सियासी मुनाफे’ के लिए दीपक ने छोड़ी ‘झाड़ू’ ?
काशीपुर मेयर के लिए बाली होंगे भाजपा प्रत्याशी !
विस चुनाव में 16 हजार ज्यादा मिले थे वोट
भाजपा नेताओं से पहले से रहे हैं गहरे रिश्ते
अगले साल 2023 में होने हैं निकाय चुनाव
तो नए आरक्षण में सामान्य होगी मेयर की सीट !
देहरादून। दीपक बाली के अचानक प्रदेश अध्यक्ष जैसा अहम पद छोड़कर भाजपा में शामिल होना कोई सामान्य बात नहीं हैं। इस दलबदल के खासे सियासी मायने हैं। भाजपा खेमे से छनकर आ रहीं खबरों पर भरोसा किया जाए तो दीपक बाली को काशीपुर सीट से पार्टी अपना प्रत्याशी बनाएगी। बताया जा रहा है कि इसी समझौते के तहत यह दलबदल हुआ है।
रियल स्टेट कारोबार से सियासत में आए बाली खासे महत्वाकांक्षी हैं। उन्होंने अपना सियासी सफर आम आदमी पार्टी से शुरू किया। सदस्यता लेने के कुछ समय बाद ही उनका आप में सियासी कद बढ़ता गया। विस चुनाव में उन्हें प्रदेश प्रचार प्रभारी बनाया गया। बाद में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इससे पहले विस चुनाव में काशीपुर सीट से आप के टिकट पर चुनाव लड़ा और 16 हजार से ज्यादा मत हासिल किए। विस चुनाव के नतीजों से बाली ने समझ लिया कि आप के साथ सियासी पारी खेलने का कोई फायदा नहीं होने वाला।
इसके बाद उन्होंने अपनी संभावनाएं तलाशी। मुख्यमंत्री धामी, पूर्व सांसद बलराज पासी, पूर्व मंत्री और विधायक अरविंद पांडेय के साथ उनके एक तरह से पारवारिक रिश्ते हैं। बात आगे बढ़ी और दीपक ने आनन-फानन में आप को छोड़कर भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया।
इसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि इस दलबदल से बाली को क्या सियासी फायदा हो सकता है। सूत्रों की बात पर भरोसा करें कि तय किया गया है कि दीपक को काशीपुर मेयर की सीट पर चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़वाया जाएगा। निकाय चुनाव अगले वर्ष फरवरी माह में प्रस्तावित है। उससे पहले सभी निकायों में नए सिरे से मेयर और अध्यक्ष के पदों का आरक्षण किया जाएगा। उस नए आरक्षण में काशीपुर मेयर की सीट को सामान्य कर दिया जाएगा। इससे बाली के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा।