राजनीति

राज्यसभाः क्या भाजपा का भी पैराशूट प्रत्याशी

कांग्रेस के राजबब्बर छह साल में छह बार भी नहीं आए उत्तराखंड

इस चुनाव में भाजपा की जीत है तय

श्याम जाजू के नाम की चर्चा है तेज

बहुगुणा के नाम पर भी हो रहा मंथन

देहरादून। उत्तराखंड में राज्यसभा की तीन सीटों में से कम से कम एक पर भाजपा और कांग्रेस ने पैराशूट से प्रत्याशी उतारे हैं। सियासी इतिहास गवाह है कि इन बाहरी लोगों ने उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस के बाहरी नेता राजबब्बर के छह साल पूरे हो रहे हैं और वे छह बार भी उत्तराखंड नहीं आए। इस बार भाजपा की ओर से श्याम जाजू के नाम की चर्चा तेज है तो स्थानीय नेता के तौर पर विजय बहुगुणा का नाम भी सियासी फिज़ा में तैर रहा है।

बतौर राज्यसभा सदस्य कांग्रेसी नेता राजबब्बर का कार्यकाल नवंबर माह के पहले सप्ताह में पूरा हो रहा है। चुनाव आयोग ने इस सीट के नौ नवंबर को चुनाव कराने की एलान भी कर दिया है। विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से इस बार भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चत है। चुनाव की घोषणा होते ही सियासी फिज़ा में यह सवाल तेजी से तैर रहा है कि क्या इस बार भाजपा भी किसी नेता को पैराशूट से उतारेगी या फिर किसी स्थानीय नेता को ही मौका दिया जाएगा।

विजय बहुगुणा
श्याम जाजू

भाजपाई खेमे में इस बार श्याम जाजू का नाम तेजी से चल रहा है। जाजू प्रदेश भाजपा के प्रभारी हैं और लंबे समय से उत्तराखंड में उनकी सक्रियता रही है। स्थानीय प्रत्याशी के तौर पर केवल पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम भी सुनाई दे रहा है। इसकी एक बड़ी वजह बहुगुणा खेमे के कांग्रेस मूल के विधायकों और मंत्रियों की सक्रियता को माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन विधायकों और मंत्रियों को शांत करने के लिए भाजपा हाईकमान बहुगुणा को यह तोहफा दे सकता है।

राजबब्बर

वैसे देखा जाएगा तो भाजपा हो या कांग्रेस किसी भी दल के पैराशूट (बाहरी) नेता ने राज्यसभा सांसद बनने के बाद उत्तराखंड के लिए कुछ भी नहीं किया। भाजपा खेमे से इससे पहले सुषमा स्वराज और संघ प्रिय गौतम जैसे नेता उत्तराखंड से राज्यसभा जा चुके हैं। कांग्रेस के मौजूदा सांसद राजबब्बर तो चुनाव जीतने के बाद गुजरे लगभग छह सालों में छह बार भी उत्तराखंड नहीं आए। ऐसे में उत्तराखंड के हित में राज्यसभा में कोई सवाल उठाने की बात ही बेमानी है।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा का इस मामले में क्या रुख रहता है। भाजपा से भी कोई नेता पैराशूट से उतरता है या फिर किसी स्थानीय नेता को राज्यसभा जाने का मौका मिलता है।

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