सीएम तीरथ के फैसले पर पूर्व सीएम ने किए सवाल
बोले, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र बढ़ रहा है कोरोना का प्रकोप
टीके का असर होता है 42 दिनों के बाद
पर्याप्त मात्रा में टीके अभी नहीं उपलब्ध
तीरथ ने सभी को किया है कुंभ में आमंत्रित
न कोई रिपोर्ट न कोई जांचः सीएम तीरथ
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सीएम तीरथ सिंह रावत उनके फैसले पलट रहे हैं तो त्रिवेंद्र भी पीछे नहीं हैं। सोमवार को हरिद्वार में संतों से मिलने के बाद त्रिवेंद्र ने कहा कि कुंभ दिव्य और भव्य तो होगा ही। पर ये भी समझना होगा कि कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है तो कोविड-19 के नियम तो लागू होने ही चाहिए। अब अहम बात यह है कि सीएम तीरथ कह चुके हैं कि कुंभ में सभी का स्वागत है और कोई बाध्यता नहीं है।
संतों के तमाम विरोध के बाद भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कोई समझौता नहीं किया और कुंभ को लेकर तमाम आदेश जारी कर दिए। इसमें एक अहम बात यह भी है कि कुंभ के निर्माण कार्यों पर त्रिवेंद्र मौन साधे रहे। मामला हाईकोर्ट तक गया पर अपने अफसरों से वो बोले भी नहीं। किसी अफसर से यह भी नहीं सोचा कि चार महीने के कुंभ के बजट के महज एक महीने में ही क्यों खपाया जा रहा है। दीवार पेंटिग से लेकर मीडिया सेंटर के बनाने में चार माह का बजट एक ही माह में खपाया जा रहा है। काश त्रिवेंद्र इस पर भी बोलते। पूर्व सीएम आज भी कह रहे हैं कि कुंभ दिव्य और भव्य होगा, इसकी व्यवस्था उन्होंने कर दी थी। सवाल ये हैं कि कुंभ के नाम पर अरबों खर्च करने वाले अफसरों का क्या होगा। अकेले मीडिया सेंटर पर एक माह में आठ करोड़ खर्च करने वाले अफसर का क्या होगा।
पूर्व सीएम ने नए सीएम तीरथ सिंह रावत की व्यवस्था पर जो सवाल खड़े किए हैं वो क्या अपने चहेते अफसरों को बचाने की कोशिश है या फिऱ नए सीएम को फैसलों से नाइत्तफकी।
वैसे त्रिवेंद्र आज के बयान केंद्र पर भी निशाना साधा है। वो कहते हैं कि टीके अभी पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। किसी अस्पताल को 200 चाहिए तो 140 ही मिल रहे हैं। वैसे भी इस टीके का असर 42 दिन आता है। शायद उनका आशय यह रहा होगा कि उस समय तक को कुंभ खत्म हो जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि त्रिवेंद्र के इस बयान को भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक या फिर हाईकमान किस अंदाज में लेता है।