एक्सक्लुसिव

कोरोना राहतः आम लोग बंद करें सहायता

डीएम ने जारी किया फरमान, गर कोई मदद करनी है तो प्रशासन को दें

आखिर क्या कर रहा सरकारी सिस्टम

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर किसी को कोरोना की वजह से किसी की मदद करनी है तो उसके माध्यम से करे। कोई भी सीधे किसी की मदद नहीं कर सकता है। अहम बात यह है कि डीएम ने यह आदेश तो जारी कर दिया है। लेकिन अपने आदेश में यह नहीं बताया है कि अगर किसी को राशन चाहिए तो किस नंबर पर काल करे।

कोरोना को देखते हुए इस समय सरकार ने लाकडाउन कर रखा है। ऐसे में तमाम लोगों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक समेत तमाम संगठन या निजी लोग अपने-अपने स्तर से जरूरतमंदों को राशन व अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करा रहे हैं। अब जिलाधिकारी देहरादून को इस पर भी आपत्ति हो रही है।

डीएम ने 31 मार्च को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विभिन्न एनजीओ की ओर से लोगों को सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि अब यह तय किया गया है कि एनजीओ व अन्य लोग अब सीधे किसी को ये सामग्री नहीं दे सकेंगे। यह सामान प्रशासन के माध्यम से थानों की ओरसे वितरित किया जाएगा।

सवाल यह है कि गरीबों की मदद के लिए सरकार या प्रशासन की स्तर से इस बारे में क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इस बारे में तो डीएम का आदेश पूरी तरह से मौन है। इस आदेश में यह भी नहीं बताया गया कि गर कोई एनजीओ या अन्य संस्था किसी गरीब को खाना या राशन देना चाहती है तो प्रशासन के किसी अधिकारी या फिर किस नंबर पर संपर्क कर सकती है।

अव्यवहारिक है लाकडाउन में छह घंटे की छूट

पीएम मोदी ने 14 अप्रैल तक देशभर में पूरी तरह से लाकडाउन की घोषणा की है। लेकिन उत्तराखंड में सरकार ने सुबह सात से दोपहर बाद एक बजे तक इसमें छूट दे रखी है। यह अलग बात है कि ऊधमसिंह नगर ने डीएम इसमें मोदी की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए रोजाना नए प्रयोग कर रहे हैं। सवाल यह है कि छह घंटे की अवाम को और उसके बाद दो घंटे छोटे दुकानदारों को थोक दुकान से सामान खरीदने की छूट क्या लाकडाउन के मकसद के अनुरूप है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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