एक्सक्लुसिवराजनीति

लीक से हटने का साहस नहीं जुटा सकी भाजपा

  • लीक से हटने का साहस नहीं जुटा सकी भाजपा
  • पहली बार सामने आई मैदानी नेताओं की दावेदारी को किया दरकिनार

देहरादून। न्यूज वेट ब्यूरो

प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव एक माह टालने के बाद भी भाजपा लीक से हटने का साहस नहीं जुटा सकी। मैदानी नेताओं की पुख्ता दावेदारी को दरकिनार करके पार्टी ने परंपरागत तरीके से ही क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन साधा और अध्यक्ष पद कुमाऊं के ब्राह्मण नेता बंशीधर भगत को थमा दिया।

राज्य गठन के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल कुमाऊं और गढ़वाल के साथ ही ब्राह्मण और क्षत्रिय का संतुलन साधते रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री या फिर नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दोनों में से किसी भी दल ने मैदानी नेताओं को तरजीह नहीं दी। इस बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मैदानी नेताओं ने पुरजोर तरीके से पैरवी की। दबाव में आए भाजपा हाईकमान ने इस चुनाव को एक महीने के लिए टाला भी। पूर्व सांसद बलराज पासी का दावा सबसे ज्यादा था। इसके अलावा काबीना मंत्री मदन कौशिक और अरविंद पांडेय के साथ ही विश्वास डाबर और विधायक राजेश शुक्ला की दावेदारी अंदरखाने हैं। इनका तर्क है कि राज्य में सबसे ज्यादा वोटर मैदान में है। इसके बाद भी नैनीताल और हरिद्वार लोस सभा सीट पर्वतीय मूल के लोगों को दे दी गईं। कैबिनेट और दायित्वधारियों में भी मैदान का ख्याल नहीं रखा जा रहा है।

मैदानी नेताओं की दावेदारी के चलते ही 15 दिसंबर को नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका। भाजपाई खेमे में चर्चा थी कि पार्टी इस पर परंपरागत ढंग से क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की बजाय नया प्रयोग करेगी और प्रदेश अध्यक्ष मैदानी नेताओं में से किसी को दिया जा सकता है। लेकिन दो रोज पहले सरकार ने अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार रहे विश्वास डाबर को दर्जाधारी राज्यमंत्री पद का तोहफा दिया था। इसके बाद से ही कहा जाने लगा था कि भाजपा अपने मैदानी नेताओं को अन्य तरीकों से संतुष्ट करेगी और प्रदेश अध्यक्ष पद पर कुमाऊं के ब्राह्मण नेता की ही ताजपोशी होगी। अब नतीजा सामने आया तो साफ दिख रहा है कि भाजपा लीक से हटकर फैसला करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।

ये है भाजपा और कांग्रेस का संतुलन फार्मूला

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह गढ़वाल से हैं और क्षत्रिय समाज से आते हैं। दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष कुमाऊं से हैं और ब्राह्मण है। इसी तरह भाजपा सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के क्षत्रिय समाज से हैं। अब तक के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट कुमाऊं के ब्राह्मण है। नए अध्यक्ष बंशीधर भगत भी कुमाऊं से हैं और ब्राह्मण समाज से है। ये सभी पर्वतीय मूल के हैं।

 

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