ब्यूरोक्रेसी

अवाम को पसंद आ रही मुख्यमंत्री धामी की ‘अभिनव’ पहल

फिजूलखर्ची रोकने को दिए अहम सुझाव

होटलों में सरकारी आयोजन पर लगाई रोक

रोक लगाएं सरकारी वाहनों के दुरुपयोग पर

स्वागत को बुके पर लगे रोक और दें पुस्तकें

विधायकों के वेतन-भत्ते व पेंशन में हो कटौती

मंत्रियों का हर तीन महीने में चेक हो रिपोर्ट कार्ड

सरकारी आयोजनों में जीएमवीएन कराए भोजन

सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति पर हो प्रतिबंध

देहरादून। सूबे की 25वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने को कृत संकल्पित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘अभिनव’ पहल करते हुए कुछ सुझाव फेसबुक पर शेयर किए हैं। इनमें से एक पर अमल का आदेश भी कर दिया है। अहम बात यह है कि सीएम धामी के ये सुझाव अवाम को पसंद आ रहे हैं। अगर इन पर अमल किया गया तो सरकार बहुत फिजूलखर्ची को रोक सकेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटलों में सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ने यह कदम फिजूलखर्ची कम करने के उद्देश्य उठाया है। अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने लिखा, सरकारी खर्चे कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए मैंने राजधानी में होटल या अन्य निजी स्थानों पर आयोजित होने वाले सरकारी कार्यक्रमों को मुख्य सेवक सदन में करने के निर्देश दिए हैं। मैंने मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु को निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में भी ऐसा ही किया जाए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्वागत कार्यक्रमों में व में पुष्पगुच्छ व उपहारों पर रोक लगाई थी। तब से मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों ने उन्हें एक पौधा उपहार स्वरूप भेंट करना शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कई अन्य अहम सुझाव भी साझा किए हैं। सीएम चाहते हैं कि सरकारी वाहनों का दुरुपयोग पर रोक लगे। यहां बता दें कि सरकारी वाहनों का दुरुपयोग हो रहा है। एक अफसर के पास अगर चार विभाग और दो अन्य संस्थान हैं तो वह छह वाहनों का प्रयोग कर रहा है। आए दिन सरकारी वाहन स्कूलों से बच्चों को ढोते या फिर अन्य निजी काम करते देखें जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री धामी यह भी चाहते हैं कि विधायकों के वेतन-भत्ते और पूर्व विधायकों पेंशन में कटौती की जाए। सरकारी खजाने से हर माह बेहद मोटी रकम खर्च हो रही है। इसमें कई बार बढ़ोतरी भी होती रहती है। सीएम धामी चाहते हैं कि सभी मंत्रियों का हर तीन महीने में रिपोर्ट कार्ड चेक हो। ताकि यह समझा जा सके कि किस मंत्री की कार्यशैली राज्य को हित में बेहतर है। इससे मंत्रियों की कार्यशैली में सुधार भी होगा।

अभी तक सरकारी आयोजनों में भोजन का ठेका निजी कंपनियों को दिया जाता है। इनका प्रति प्लेट खर्च खासा ज्यादा है। अब सीएम धामी चाहते हैं कि भोजन खिलाने का काम जीएमवीएन को दिया जाए। इससे सरकारी पैसा सरकारी संस्थान के पास ही जाएगा। अब तक देखा जा रहा है कि अफसर रिटायर होने से पहले ही अपने लिए नई पोस्टिंग का जुगाड़ कर लेते हैं। इससे युवाओं के लिए नौकरी के अवसर कम हो रहे हैं। अब सीएम धामी की मंशा है कि सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी तरह की पुनर्नियुक्ति पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाए।

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