अल्मोड़ा और बागेश्वर के जिला आबकारी अधिकारियों को मिला ‘घर’
रुद्रप्रयाग जिला निवासी पीसीएस भेजे गए गृह जनपद में
दून जिला निवासी एक डिप्टी कलक्टर का भी यही हाल
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में अफसरों की तैनाती में नियमों की अनदेखी की जा रही है। नियमानुसार कोई अफसर अपने गृह जनपद में तैनाती नहीं पा सकता है। लेकिन विगत दिवस दो जिला आबकारी अधिकारियों को उनके गृह जनपद का ही कार्यभार दे दिया गया। इसी तरह रुद्रप्रयाग जिला निवासी एक पीसीएस अफसर को उसी जिले में भेज दिया गया है। देहरादून जिला निवासी एक अन्य पीसीएस अफसर भी इसी जिले में तैनात है।
एक सामान्य सा नियम है कि किसी अफसर को उसके गृह जनपद में तैनाती नहीं दी जाएगी। लेकिन उत्तराखंड में इस नियम की अनदेखी की जा रही है। विगत दिवस कई जिलों के आबकारी अधिकारी बदले गए हैं। बागेश्वर में गोविंद सिंह मेहता को जिले में आबकारी विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी बनाया गया है। मेहता इसी जनपद के निवासी है और पिछले तीन सालों से इसी जनपद में तैनात है। अल्मोड़ा जिले की रानीखेत निवासी मीनाक्षी टम्टा इसी जनपद का जिला आबकारी अधिकारी बनाया गया है।
इस मामले में आबकारी आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि तबादले शासन स्तर से किए गए हैं। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव आनंद बर्धन का कहना था कि इस बात का परीक्षण कराया जाएगा कि गृह जनपद में तैनाती हो सकती है या नहीं।
मामला यहीं तक नहीं है। पिछले दिनों पीसीएस अफसर योगेंद्र सिंह को रुद्रप्रयाग जिले में भेजा गया है। सिंह इसी जनपद के निवासी हैं। हां, इनके आदेश में यह जरूर लिखा गया है कि इन्हें गृह परगने में तैनाती नहीं जाएगी। इसी तरह देहरादून जिले के निवासी पीसीएस अफसर मायादत्त जोशी देहरादून में ही तैनात हैं। अफसरशाही में चर्चा है कि हो सकता है कि इन पीसीएस अफसरों की तैनाती के लिए मानक गृह जनपद की बजाए गृह परगना कर दिया गया हो।