ब्यूरोक्रेसी

अगले चंद रोज में ही उत्तराखंड को मिल जाएंगे 18 नए आईएएस अफसर

पीसीएस अफसरों की डीपीसी शुक्रवार को

ये लंबे समय से कर रहे थे पदोन्नति का इंतजार

2013 से 2016 तक का बैच होगा आवंटित

ये सभी अफसर डीएम पद के लिए होंगे योग्य

सरकार के पास उपलब्ध होंगे तमाम विकल्प

देहरादून। उत्तराखंड राज्य के राज्य प्रशासनिक सेवा के पहले बैच (2002) के अफसरों के आईएएस में प्रमोशन में की राह आसान हो गई है। शुक्रवार को डीपीसी के बाद ये 18 अफसर प्रमोट हो जाएंगे। अहम बात यह भी है कि ये सभी अफसर जिलों में डीएम के पद पर तैनाती के लिए अर्ह होंगे। इससे सरकार के पास और भी बेहतर विकल्प होंगे।

2002 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर लंबे समय से प्रमोशन की जंग लड़ रहे हैं। इन्हीं के बैच के पीपीएस अफसर पदोन्नति पाकर जिलों में कप्तानी भी कर चुके हैं और कई इस समय भी कर रहे हैं। लेकिन इसी बैच के पीसीएस अफसरों के आईएएस में पदोन्नति में एक लाबी लंबे समय से रोड़े अटका रही थी। ये अफसर सुप्रीम कोर्ट से भी जीत गए थे। लेकिन सरकारों की चहेती लाबी ने इन्हें प्रमोट नहीं किया।

इसके बाद पीसीएस अफसर विनोद गिरि गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में मानहानि याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति जस्टिस एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने इसका निस्तारण किया। खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि डीपीसी कराकर पात्र लोगों को आईएएस में पदोन्नति दी जाए।

यहां बता दें कि 2002 के बैच में पीसीएस अफसर ललित रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश कांडपाल, गिरधारी रावत, मेहरबान सिंह बिष्ट, आलोक पांडे, बंशीधर तिवारी, रुचि रयाल, झरना कमठान, दीप्ति सिंह, रवनीत चीमा, प्रकाश चंद, निधि यादव, प्रशांत, आशीष भटगई, विनोद गिरि गोस्वामी, संजय और नवनीत पांडे शामिल है। इन पीसीएस अफसरों को प्रमोशन होने पर आईएएस में 2013 से 2015 तक का बैच आवंटित किया जाएगा। इस लिहाज से ये सभी अफसर जिलाधिकारी के रूप में तैनाती पाने के अधिकृत होंगे

सूत्रों ने बताया कि कल मंगलवार को दिल्ली में इन अफसरों के प्रमोशन के लिए डीपीसी प्रस्तावित है। डीओपीटी में होने वाली इस डीपीसी में शामिल होने के लिए सचिव (कार्मिक) शैलेष बगौली दून से रवाना हो गए हैं। मुख्य सचिव एसएस संधू भी इस बैठक में शामिल होंगे।

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