डॉ. अशोक कुमार मिश्र की “फुटपाथ का आदमी”: आर्थिक अभाव में जी रहे लोगों की पीड़ा और संघर्ष की संवेदनशील प्रस्तुति

डॉ. अशोक कुमार मिश्र की “फुटपाथ का आदमी”: आर्थिक अभाव में जी रहे लोगों की पीड़ा और संघर्ष की संवेदनशील प्रस्तुति
“फुटपाथ का आदमी”
डाॅ. अशोक कुमार मिश्र “क्षितिज” की नई पुस्तक ‘फुटपाथ का आदमी‘ वंचित और अभावग्रस्त लोगों की संवेदनाओं को अद्वितीय काव्यात्मक शैली में प्रस्तुत करती है। आर के पब्लिकेशन समूह, मुंबई द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में डॉ. मिश्र ने आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के संघर्षमय जीवन को अपने अनुभवों के आधार पर उकेरा है। यह पुस्तक उन मेहनतकश लोगों की पीड़ा को उजागर करती है, जो अपनी आजीविका के लिए दिन-रात संघर्ष करते हैं, लेकिन फिर भी अपने परिवार को भरपेट खाना नहीं खिला पाते। सड़क किनारे ठेले लगाने वाले, फेरी करने वाले, खोमचा लगाने वाले और सब्जी बेचने वाले, अंडे बेचने वाले, फूल -माला -प्रसाद बेचने वाले, रिक्शा चलाने वाले जैसे श्रमिकों के जीवन को डॉ. मिश्र ने ऐसी संवेदनशीलता और सजीवता से चित्रित किया है, जो कहीं और दुर्लभ है।
अपनी पूरी जिंदगी एक बेहतर कल की आशा का दामन थाम कर गुजार देने वाले श्रमजीवियों के “भाव ” तथा संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का एक बेहद सफल प्रयास है यह कविता संग्रह।
‘फुटपाथ का आदमी’ निश्चित ही एक प्रेरणादायक और मार्मिक कृति है जो पाठकों को गहराई से प्रभावित करेगी।
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