एक्सक्लुसिव

सीएम पुष्कर धामी का कार्यकाल हर मोर्चे पर बेमिसाल

लगातार तीसरे वर्ष सरकार के खाते में जुड़ीं कई उपलब्धियां

राज्य हित में लिए सख्त फैसले, जनसरोकारों में भी रहे आगे

यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तीन वर्षों का कार्यकाल हर क्षेत्र में बेमिसाल रहा है। शुरू के दो वर्षों में सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर उन्होंने पूरे देश मे अपने गुड गवर्नेंस का लोहा मनवाया। कार्यकाल का तीसरा वर्ष भी विकास हो या राजनीति, हर मोर्चे पर बेहद सफल और उपलब्धियों से भरा रहा है। अपने जन संकल्प के अनुसार मुख्यमंत्री धामी ने जहां यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू कर उत्तराखंड को देश का पहला राज्य बनाया वहीं सख्त दंगारोधी कानून सहित राज्य के हित में कड़े फैसले लेकर सख्त संदेश दिया।

राज्य की पांचों पर लहराया परचम

राजनीति के मोर्चे पर भी सीएम धामी पीछे नहीं रहे। लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत में मुख्यमंत्री धामी की अहम भूमिका रही है। जीत सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने विशेष रणनीति बनाई। पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को अपने चुनाव क्षेत्र में ही डटे रहने को कहा गया। राज्य की पांचों सीटों पर वर्ष 2014 से पार्टी काबिज थी। इस कब्जे को बरकरार रखना बड़ी चुनौती थी। मुख्यमंत्री धामी ने इस चुनौती को भी स्वीकार किया और राज्य के कोने-कोने में पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ धुंआधार प्रचार कर पांचों सीटों से पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और सीएम धामी के विकास कार्यों व फैसलों पर अपनी मुहर लगाई है।

यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 के चुनाव में पार्टी के संकल्प के अनुसार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में यूसीसी लागू करने का फैसला लिया। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई। इसी वर्ष विगत सात फरवरी को यूसीसी विधेयक उत्तराखंड विधानसभा से पारित कर दिया गया। कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

सख्त दंगा विरोधी कानून

हल्द्वानी में विगत आठ फरवरी को दंगे की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने दंगाइयों और उपद्रवियों से निपटने को सख्त फैसला लिया। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में दंगारोधी लागू कर दिया गया है। कानून के तहत समस्त निजी-सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही दंगा करने वालों से 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण में सरकारी और अन्य कार्य पर आने वाले खर्चे की भरपाई भी उपद्रवियों से की जाएगी।

वैश्विक निवेशक सम्मेलन में  3.50 लाख करोड़ के करार

बीते वर्ष 8-9 दिसंबर को देहरादून में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन उम्मीदों से बढ़कर सफल रहा है। देश-दुनिया के निवेशकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने के लिए  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी ताकत झोंक दी। और इसी का परिणाम रहा कि सम्मेलन में दो लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य के विपरीत साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश के करार कराने में सीएम धामी सफल रहे। अब निवेश को धरातल पर उतारने की कवायद तेजी पर है। अब तक 75 हजार करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग कर ली गई है।

सरकारी नौकरी देने में भी अव्वल

रोजगार मुख्यमंत्री धामी की प्राथमिकता में रहा है। सरकारी विभागों में नियुक्तियां देने का उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है। तीन साल के कार्यकाल में 14800 युवाओं को सरकारी नियुक्ति दी गई है।  सीएम धामी ने सभी विभागों में खाली पड़े शत प्रतिशत पदों को भरने का संकल्प लिया है।

अतिक्रमण से मुक्त कराई 3500 हेक्टेयर सरकारी भूमि

दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 3500 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। वन विभाग की भूमि पर कब्जा कर वहां अवैध तरीके से धार्मिक निर्माण किए गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष अभियान चलाकर इस अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया है।

सिलक्यारा अभियान में रही अहम भूमिका

उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने में एक संवेदनशील सीएम होने का परिचय पूरे देश को दिया। बीते वर्ष 12 नवंबर को इस सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 41 मजदूर अंदर ही फंस गए थे। 400 घंटे चले कठिन और जोखिमभरे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 17वें दिन इन मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। बचाव अभियान में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों, सुरक्षा संगठनों, सैनिक और अर्ध सैनिक बलों के जवान, विशेषज्ञ जुटे थे। सीएम धामी एक-एक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए अभियान पर लगातार नजर रखे रहे। यही नहीं, शासकीय कार्य करने के लिए उन्होंने मौके पर ही अपना कैंप कार्यालय स्थापित कर दिया। श्रमिकों का अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उन्हें उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्थाएं भी धामी सरकार की ओर से की गई।

 

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