उत्तराखंड

उत्तराखंड कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची पर कड़ा विरोध

 

उत्तराखंड कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची पर कड़ा विरोध

आरक्षण तय करने में की है राज्य सरकार ने मनमानी – गरिमा मेहरा दसौनी

धामी सरकार ने उत्तराखंड की लोकतांत्रिक प्रणाली और पंचायत व्यवस्था के साथ बहुत बड़ा मज़ाक किया है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों की आरक्षण सूची जारी करते समय भारी अनियमितता और मनमानी की गई है। यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती गरिमा मेहरा दसौनी का।

दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस इस सूची का साक्ष्य-आधारित विरोध करती है। सरकार द्वारा दिनांक 11 जून 2025 को जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया था कि आरक्षण का आधार जनसंख्या रहेगा और जनसंख्या को 13 जिलों से भाग देकर आरक्षण प्रतिशत तय किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला और सामान्य वर्ग—सभी के लिए समान 13 जिलों के आधार पर गणना होनी थी।
गरिमा ने कहा कि आरक्षण सूची तैयार करते समय जनसंख्या को 13 के बजाय 12 से विभाजित किया गया, जिससे पूरे फार्मूले की पारदर्शिता संदिग्ध हो गई है। यह सीधा उल्लंघन है शासनादेश का, और साफ़ संकेत करता है कि धामी सरकार की मंशा में खोट है।

दसौनी ने कहा कि इतना ही नहीं, सरकार ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण सूची जारी की, जो कि अब तक की परंपरा के विपरीत है। 2003, 2008 और 2014 में पंचायत चुनावों से पहले ही आरक्षण घोषित कर दिए जाते थे। इससे स्पष्ट है कि आरक्षण सूची में गलत मंशा से जोड़तोड़ की गई है।
दसौनी ने न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले “सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार” का हवाला देते हुए कहा कि पंचायत चुनावों में आरक्षण तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट की शर्त अनिवार्य है। इसके तहत स्वतंत्र आयोग गठित कर सामाजिक वास्तविकता का परीक्षण होना चाहिए। उत्तराखंड में इसके लिए जस्टिस वर्मा आयोग गठित हुआ, लेकिन आयोग की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया, जो कि संवैधानिक मर्यादा का घोर अपमान है।

दसौनी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि धामी सरकार प्रीतम सिंह के डर से बौखलाई हुई है। चकराता में भाजपा की हार ने सरकार की नींव हिला दी है। प्रीतम सिंह ने जिस तरह भाजपा का सफाया किया, उससे भाजपा को डर है कि 2027 में पूरे प्रदेश से उसकी विदाई तय है।

इसी भय के कारण सरकार देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट को महिला के लिए आरक्षित कर मधु चौहान को कुर्सी दिलवाना चाहती है। लेकिन कांग्रेस चेतावनी देती है कि यह साजिश कभी सफल नहीं होगी। उत्तराखंड की जनता भाजपा की मंशा और नियत को समझ चुकी है और समय आने पर इसका माकूल जवाब देगी।

 

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