तस्वीर का सच

उत्तराखंड में 236 करोड़ विधायक निधि ‘खातों’ में

सबसे कम खर्च करने वालों में मनोज रावत और हरीश धामी

नामित विधायक मैनन और काजी खर्च में अव्वल

कैबिनेट में पांडे 82 फीसदी खर्च कर सबसे आगे

56 फीसदी खर्च करके धन सिंह रावत सबसे पीछे

देहरादून। एक तरफ सरकार को विकास कार्य़ों के धन की जुगाड़ कर रही है तो दूसरी ओर विधायक पैसा खर्च करने में पता नहीं क्यों हिचक रहे हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के विधायकों की निधि में 236 करोड़ ऐसे ही पड़ा हुआ है। कुछ विधायक अपनी निधि से विकास कार्य़ तेजी से करा रहे हैं तो दो विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी राशि का महज 40 फीसदी ही खर्च किया है।

काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने ग्राम्य विकास आयुक्त से इस बारे में जानकारी मांगी थी। जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने दिसंबर 2020 के अंत तक की विधायक निधि खर्च का विवरण दिया है। इसके अनुसार उत्तराखंड के 71 विधायक को 13.25 करोड़ रूपये प्रति विधायक की दर से 940.75 करोड़ दिसंबर 2020 तक उपलब्ध कराई गई। इसमें से जनवरी 2021 की शुरुआत में 235.91 करोड़ निधि खर्च होना शेष है। नदीम को दी गई सूचना के अनुसार

सबसे कम निधि 40 प्रतिशत खर्च वालों में रूद्रप्रयाग विधायक मनोज रावत तथा 44 प्रतिशत खर्च वाले में धारचूला विधायक हरीश सिंह धामी शामिल है। सर्वाधिक 93 प्रतिशत खर्च वाले नामित सदस्य जीआईजी मैनन और 92 प्रतिशत राशि मंगलौर विधायक निजामुददीन ने खर्च की है।

सूचना के अनुसार 51 से 60 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में मीना गंगोला, चंद्रा पंत, धन सिंह, करन मेहरा, गोविन्द सिंह कुंजवाल, महेश नेगी शामिल हैं।  61 से 70 प्रतिशत खर्च वालों विधायक प्रेम चंद्र अग्रवाल, विशन सिंह चुफाल, मुन्ना सिंह चौहान, दिलीप सिंह रावत, मदन कौशिक, महेंद्र भट्ट, सहदेव पुंडीर, विजय सिंह पवार, मगन लाल शाह, सतपाल महाराज, पुष्कर सिंह धामी, गोपाल सिंह रावत, प्रीतम सिंह शामिल हैं।

71 से 75 प्रतिशत खर्च करने वालों सुरेन्द्र सिंह जीना, रघुराम चौहान, दीवान सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी, देशराज कर्णवाल, सुबोध उनियाल, हरभजन सिंह चीमा, यशपाल आर्य, रीता खंडूरी, 76 से 80 प्रतिशत खर्च वालों में बंशीधर भगत, राजेश शुक्ला, राजकुमार ठुकराल, आदेश सिंह चौहान (जसपुर विधायक), केदार सिंह रावत, संजीव आर्य, हरक सिंह रावम, यतीशवरानंद, त्रिवेंद्र सिंह रावत, शक्तिलाल शाह, रेखा आर्य, ममता राकेश, इन्दिरा ह्रदेयश, मुकेश कोली शामिल हैं।

81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम सिंह राना, रामसिंह कैड़ा, खजान दास, प्रदीम बतरा, सुरेश राठौर, अरविंद पांडेय, भरत सिंह, फुरकान अहमद, हरवंश कपूर, उमेश शर्मा, विनोद कंडारी, विनोद चमोली, संजय गुप्ता, नवीन चंद्र दुम्का, सौरभ बहुगुणा, प्रीतम सिंह पवार शामिल हैं। 86 से 90 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, राजकुमार, धन सिंह नेगी, आदेश चौहान, चंदन राम दास, बलवंत सिंह, गणेश जोशी, कैलाश गहतौड़ी, पूरन सिंह फर्त्याल शामिल हैं। कैबिनेट की बात करें तो सीएम रावत ने 79, सतपाल महाराज ने 68, हरक सिंह रावत ने 78, मदन कौशिक ने 65, यशपाल आर्य ने 75, अरविंद पांडे ने 82, सुबोध उनियाल ने 73, रेखा आर्य ने 80 और धनसिंह रावत ने 56 प्रतिशत विधायक निधि दिसंबर 2020 तक खर्च की।

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