उत्तराखंड

राम मंदिर दीप लोक में शिव महा पुराण कथा ने लिया विश्राम

राम मंदिर दीप लोक में शिव महा पुराण कथा ने लिया विश्राम

10 दिनों तक बही शिव महिमा की ज्ञान गंगा

केवल निर्मल जल से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ :
सूर्यकांत धस्माना

श्रवण मास के पवित्र महीने में श्री राम मंदिर दीप लोक कॉलोनी में पिछले दस दिनों से चल रही शिव महा पुराण कथा ने आज धूम धाम से विश्राम लिया । इस अवसर पर कथा व्यास पूज्य आचार्य विजय प्रसाद नौटियाल ने व्यास पीठ से कथा में पधारी मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना व अन्य अतिथियों को पटका व तुलसी की माला पहना कर आशीर्वाद दिया।

उन्होंने धस्माना के लिए विशेष रूप से आशीर्वचन कहते हुए कहा कि धस्माना राज्य के ऐसे राजनेता हैं जो राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए अपना आचरण धर्मपरायण रखते हैं और हर किसी के सुख दुख में साथ खड़े दिखते हैं। उन्होंने कहा कि कर्म क्षेत्र में एक धर्मनिरपेक्ष छवि वाले धस्माना सनातन धर्म के कार्यक्रमों में जब सम्मिलित होते हैं तो वे एक प्रकांड विद्वान की तरह धार्मिक अनुष्ठान में प्रतिभाग करते दिखाई पड़ते हैं। आचार्य नौटियाल ने उनको दीर्घायु होने व अपने कर्मक्षेत्र में सफल होने का आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को श्रवण मास व शिव महा पुराण कथा के सफल आयोजन की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए धस्माना ने कहा कि सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथों में १८ पुराणों में शिव महा पुराण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शिव महा पुराण भगवान शिव की महिमा उनकी लीलाएं उनके जगत के कारक , पालक व संहारकर्ता के रूपों की व्याख्या तो करता ही है साथ ही कलयुग के प्रभावों का भी विस्तार से वर्णन करता है।

धस्माना ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास जी ने रामचरित मानस के उत्तराखंड में कलयुग के प्रभावों का जो वर्णन संक्षेप में किया है उसे शिव महा पुराण में उसके रचयिता वेद व्यास जी ने विस्तार से वर्णित किया है।

धस्माना ने कहा कि पूरी श्रद्धा और विश्वाश से शिव महा पुराण का जो श्रवण करते हैं भगवान भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं और भगवान शिव तो इतने भोले हैं कि उनको प्रसन्न करने के लिए मिश्री मेवा फल आदि कोई भोग ना भी लगाओ तो वे निर्मल जल के अभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसीलिए उनको जगत में भोलेनाथ कह कर पुकारा जाता है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के मनमोहन शर्मा, गीता भवन के आचार्य भगवती प्रसाद थपलियाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार गुप्ता, जे एस चुग, चंद्र प्रभा मनचंदा, गोयल, पार्षद संगीता गुप्ता, पूर्व पार्षद बीना बिष्ट, सुदेश आहूजा, एस के गांधी, सुनील गोयल, सुशील बग्गा, अनिल बांगा, दिनेश कौशल, आनंद सिंह पुंडीर , इंद्रजीत को भी पटका व तुलसी की माला पहना कर सम्मानित किया।

कथा विश्राम के पश्चात आरती व भगवान को भोग लगाया गया व तत्पश्चात सभी भक्तगणों को प्रसाद वितरित किया गया।

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