तो खनन कारोबारियों को ‘चुभ’ रहे थे दीपक !
अफसर ने कोटद्वार में सियासी दखल पर फोड़ा ‘लेटर बम’
बताया कैसे बनाया जाता है राजनीतिक दबाव
तीन माह में जेसीबी और पॉकलैंड किया सीज
अवैध खनन में पांच दर्जन वाहन किए जब्त
कैंपा का पैसा रिलीज करने से कर दिया मना
सियासी दबाव में आईएफएस को किया अटैच
जांच हो तो अवैध खनन का खेल आए सामने
देहरादून। लैंसडौन वन प्रभाग के हटाकर मुख्यालय अटैच किए गए आईएफएस (भारतीय वन सेवा) के एक अफसर दीपक सिंह ने एक लेटर बम से अवैध खनन कारोबारियों और सियासी लोगों के गठजोड़ पर धमाका किया है। इस अफसर ने अपने खत में बताया है कि काबीना मंत्री के विस क्षेत्र में किस तरह से अवैध खनन हो रहा है। सियासी दबाव में नियम विरुद्ध काम करने से मना किया तो उन्हें ही अवैध खनन के आरोप में अटैच कर दिया गया।
आईएफएस अफसर दीपक सिंह ने प्रमुख वन संरक्षक को एक खत भेजा है। इसमें कहा गया है कि उन्हें लैन्सडौन वन प्रभाग, कोटद्वार के पदभार से अवमुक्त करते हुए अग्रिम आदेशों तक प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) उत्तराखण्ड देहरादून के कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है। इसका कोई कारण नहीं बताया गया। समाचार पत्रों से पता चला कि इसका कारण अवैध खनन है। अफसर ने लिखा है कि सीमित संसाधनों के बावजूद अवैध खनन को नियंत्रित करने का प्रभावी प्रयास किया गया है। यह वन प्रभाग अतिसंवेदनशील है और वन एवं पर्यावरण मंत्री के विस क्षेत्र में आता है। ऐसे में राजनीतिक दबाव, धमकियां एवं निराधार आरोपों का सामना करना पड़ता है। स्टाफ भी कम है। वन आरक्षियों के 88 पदों के सापेक्ष 13 ही कार्यरत हैं। विगत तीन माह में अवैध खनन में लगी 55 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 03 डंपर, 02 जेसीबी एवं 01 पॉकलैण्ड को जब्त किया गया है।
अफसर ने अपने खत में लिखा है कि इसके बाद भी उन्हें अटैच किए जाने के कुछ कारण उनकी समझ में आ रहे हैं। उन्होंने अपने 14 माह के कार्यकाल में राजनीतिक दबाव के बावजूद नियमानुसार कार्य। जो शायद राजनीतिक प्रतिनिधियों को पसन्द न आया। उन्होंने लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर में हो रही अनियमितता का संज्ञान में लेकर हुए कार्य को रुकवा दिया, वन आरक्षी एवं वन दरोगा को मुख्यालय में अदेन कर देना एवं रंज अधिकार अनियमितता पर स्पष्टीकरण मांगना एवं स्पष्टीकरण प्राप्त न होने पर सम्बन्धित रेंज के कार्यभार से पृथक कर देना आदि कदम उठाये गये. इसके उपरान्त अधोहस्ताक्षरी को धमकी दिया गया। और तत्काल प्रभाव से सम्बद्ध कर दिया गया।
अफसर ने लिखा है कि कैम्पा योजना की 251 लाख की धनराशि राजनीतिक दबाव बनाने ते बाद भी वित्तीय नियमों को ध्यान में रखते हुए व्यय नहीं कियाराजनीतिक लोगों द्वारा अवैध खनन के प्रयासों को विफल किया और जब्त एवं ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ा। कॉर्बेट रिसेप्शन सेन्टर के समीप बैम्बों हद एवं पार्क में नियमा विरुद्ध हो रहे कार्यों को राजनीतिक दबाव के बावजूद रुकवा देना व सम्बन्धित के खिलाफ एच0-2 केस दर्ज करना कुछ खास व्यक्तियों के उपनल के माध्यम से प्रभाग में सम्मिलित करने हेतु राजनीतिक दबाव बनाया जाना। इस वन प्रभाग में पिछले पाँच वर्ष में अत्यधिक राजनीतिक हस्तक्षेप रहा है एवं पिछले पाँच वर्ष में पांच प्रभागीय वनाधिकारियों की स्थानान्तरण तैनाती की गयी एवं प्रत्येक प्रभागीय वनाधिकारियों को अत्यन्त ही राजनीतिक दबाव झेलना पड़ा है। अधोहस्ताक्षरी को भी इसी क्रम में निराधार एवं तथ्य विहीन भूमिका बनाते हुए मुख्यालय सम्बद्ध करने का आदेश पारित किया जाना प्रतीत होता है।