राजनीति

उत्तराखंड के सीएम धामी से मिले यूपी के राज्य मंत्री संजय गंगवार 

उत्तऱाखंड के 111 गावों का गन्ना देने का आग्रह

पीलीभीत की मझोला चीनी मिल चालू कराने पर मंथन

खटीमा क्षेत्र के किसान इसी मिल को देते थे गन्ना

राज्य गठन के बाद से बंद हो चुकी है गन्ना आपूर्ति

देहरादून। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिलें राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार मझोला शुगर चीनी मिल को पुनः शुरू कराने के प्रयास में बेहद गंभीरता से लगे हुए हैं। उन्होंने इसी क्रम में देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर मझोला चीनी मिल के उत्तराखंड में लगने वाले क्षेत्र के संबंध में चर्चा की और उनसे सहयोग की अपेक्षा की। 

बताया जा रहा है कि राज्य मंत्री गंगवार का पीलीभीत जिले की मझोला चीनी मिल शुरू कराने का अपना ड्रीम प्रोजेक्ट है। गंगवार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और मझोला शुगर फैक्ट्री के क्षेत्र में उत्तराखंड की सीमा से सटे मझोला क्षेत्र के 111 गांव का गन्ने की सप्लाई मझोला चीनी मिल को पुनः कराने के लिए चर्चा की।

 यहां उल्लेखनीय है कि मझोला चीनी मिल, उत्तराखंड और यूपी के विभाजन के बाद अब से लगभग 12 साल पहले वर्ष 2009-10 में पर्याप्त गन्ना सप्लाई न होने के कारण मिल बंद हो गई थी। वजह यही थी उत्तराखंड का विभाजन हो गया था और चीनी मिल क्षेत्र से सटे उत्तराखंड के लगभग 111 गांव की गन्ने की सप्लाई मझोला चीनी मिल के लिए बंद कर दी गई थी इसलिए पर्याप्त गन्ने की सप्लाई ना होने से उत्तर प्रदेश सरकार को सहकारी क्षेत्र की मझोला चीनी मिल को बंद करना पड़ा था। मझोला चीनी मिल बंद होने के कारण चीनी मिल से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों, अधिकारियों और गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। गंगवार मझोला चीनी मिल को लेकर अपने विधायक काल से ही खासे गंभीर बने हुए हैं। इसकी कवायद तभी से उन्होंने शुरू कर रखी थी।

अब प्रदेश में गन्ना विकास एवं चीनी मिलें का राज्य मंत्री पद मिलने के बाद उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट मझोला चीनी मिल को पुनः शुरू कराने का प्रयास तेज कर दिया। यहां यह भी मालूम हुआ है कि पिछले दिनों दिल्ली में शुगर फेडरेशन के अधिकारियों से वार्ता कर मझोला चीनी मिल को पुनः शुरू कराने में सहयोग की अपील की थी। राज्य मंत्री श्री गंगवार ने बताया कि मझोला चीनी मिल शुरू कराने के लिए आने वाली बाधाओं को धीरे-धीरे दूर किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। उनका प्रयास आगामी सत्र तक चीनी मिल को चलाया जाने का है ताकि क्षेत्र के लोगों को, किसानों को, युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें और क्षेत्र भी लाभान्वित हो सके। मझोला चीनी मिल के लिए यूपी के 51 और उत्तराखंड के 111 गांव का गन्ना मिल के लिए सप्लाई किए जाता था।

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