उत्तराखंड में कम हो रही बेरोजगारी की दर

फलोत्पादकों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने की नहीं योजना
विधानसभा में प्रश्नकाल
देहरादून। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर में लगातार कमी आ रही है। सरकार ने साफ कर दिया कि फल उत्पादक किसानों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने की कोई योजना नहीं है।
प्रश्न प्रहर में विधायका काजी निजामुद्दीन से सवाल पूछा था कि क्या सरकार को जानकारी है कि राज्य में बेरोजगारी इस समय अपने सर्वोच्च स्तर पर है। इस पर कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने सदन को बताया कि प्रतिष्ठित संस्था सीएमआईई की ओर से हर साल बेरोजगारी के आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं। विगत वर्षों में संस्था की ओर से प्रकाशित आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य में बेरोजगारी की दर लगातार कम हो रही है। केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से बेरोजगारों को स्वरोजगार देकर स्वालंबी बनाने के लिए विभिन्न विभागों की ओर से कई रोजगारपरक योजनाएं चलाई जा रही है।
विधायक प्रीतम सिंह पवांर से सरकार के पूछा कि क्या फलोत्पादक किसानों को फल मंडी तक लाने के लिए कोई ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जा रही है या ऐसी किसी योजना पर विचार चल रहा है। सरकार की ओर से कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सदन को बताया कि वर्तमान में न तो कोई ऐसी योजना संचालित है और न ही इस तरह की किसी योजना को लागू करने पर विचार हो रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि राज्य गठन से पहले एकीकृत उत्तर प्रदेश में इस तरह का अनुदान दिया जाता था।
विधायक देशराज कर्णवाल चमार साहब के सवाल पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सदन को अवगत कराया कि उपनल से मुख्यतः पूर्व सैनिकों और उनके विधिक आश्रितों को ही सेवायोजित किया जाता है। लेकिन कोविड महामारी के कारण बेरोजगार हुए अन्य लोगों में से 31 मार्च-2022 तक पंजीकृत लोगों में से कुशल लोगों को वरीयता देते हुए रोजगार उपलब्ध होने की तिथि से 11 माह तक अस्थायी रोजगार देने के निर्देश दिए गए हैं। विधायक चमार साहब के सवाल पर खादी मंत्री जोशी ने कहा कि उनका विभाग बेरोजगारी के आंकड़े नहीं रखता है। खादी ग्रामोद्य़ोग के माध्यम से लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।
विधायक देशराज के सवाल पर कृषि मंत्री उनियाल ने सदन को अवगत कराया कि उत्तराखंड में किसानों को किसान सम्मान निधि के अलावा किसी अन्य योजना में कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है।