एक्सक्लुसिव

हुई मुलाकात पर नहीं बनी ‘बात’ !

अध्यक्ष पद से हरक के बाद उनकी नजदीकी सचिव को भी हटाया

सीएम से भेंट के बाद भी मंत्री ने नहीं खोले पत्ते

इस प्रकरण पर अब आक्रामक मूड में है सरकार

देहरादून। काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की सरकार के नाराजगी का मुद्दा और गहराता दिख रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से आज मंत्री की मुलाकात तो हुई पर हालाता इशारा कर रहे हैं कि इस मुलाकात में कोई बात बन न सकी। शायद यही वजह रही कि शाम होते-होते बोर्ड सचिव पद से मंत्री की नजदीकी दयमंती रावत को भी विदा कर दिया गया।

कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही हरक सिंह नाराज हैं। मीडिया ने सवाल किया तो बोले सीएम से बातचीत के बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा। कई रोज के इंतजार के बाद आज गुरुवार को हरक सिंह रावत ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। दोनों के बीच अंदर क्या बातें हुईं ये तो वही दोनों जानते होंगे। लेकिन उसके बाद जो एक्शन हुआ वो इस बात का संकेत कर रहा है कि बात बनी नहीं।

इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि सीएम से मीटिंग के बाद मीडिया ने हरक सिंह से बात की। उनका कहना था कि आज केवल वन विभाग के मसलों पर ही बात हुई है। अन्य किसी मसले पर कोई बात नहीं हुई। दूसरी ओर इस मीटिंग के चंद घंटों बाद ही बोर्ड के सचिव पद से दयमंती रावत की विदाई कर दी गई। अहम बात यह है कि सुश्री रावत काबीना मंत्री की बेहद नजदीकी हैं। शिक्षा विभाग की आपत्ति के बाद भी वे इस पर थी। इतना ही नहीं, बोर्ड अध्यक्ष पद से जब हरक सिंह को हटाया गया था तो दयमंती को भी हटा दिया था। लेकिन चंद घंटे बाद ही सचिव को उनके पद पर बहाल कर दिया गया था।

अब सीएम और हरक की मीटिंग के चंद घंटे बाद ही दयमंती रावत की विदाई यह साफ संकेत कर रही है कि दोनों की मीटिंग में दिल नहीं मिल सके। यह इस बात का भी संकेत है कि सीएम त्रिवेंद्र अब किसी के दबाव में काम नहीं करने वाले। भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत भी हरिद्वार मीटिंग में इस बात का इशारा कर चुके हैं कि कांग्रेस से भाजपा में आने वालों का स्थिति क्या है।

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