उत्तराखंड

पेपर लीक/ फंडिंग मामले में कोचिंग सेंटर संचालकों की क्यों नहीं हो रही जांच- मोर्चा

पेपर लीक/ फंडिंग मामले में कोचिंग सेंटर संचालकों की क्यों नहीं हो रही जांच- मोर्चा

फंडिंग मामले में तत्कालीन एसएसपी भी स्वीकार चुके फंडिंग की बात |

आखिर इन कोचिंग सेंटर्स का बेरोजगार आंदोलनों से क्या लेना देना !

अगर फंडिंग होती रही तो प्रदेश चला जाएगा अराजकता की ओर !

विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कल हुए यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में इतनी सुरक्षा के बावजूद पेपर लीक होना कहीं न कहीं किसी ग्रुप/ सेंटर्स की मिलीभगत सांठ- गांठ की ओर इशारा करता है !

नेगी ने कहा कि पूर्व में जनपद देहरादून के तत्कालीन एसएसपी दिलीप कुंवर भी बेरोजगार आंदोलन में हुई पत्थर बाजी व आंदोलन में हुई फंडिंग की बात स्वीकार चुके हैं, हो सकता है कि किसी कोचिंग सेंटर्स द्वारा ये हरकत की गई हो! आखिर इन कोचिंग सेंटर्स का बेरोजगारों के आंदोलन आदि तमाम मामलों से क्या लेना देना !क्यों इनका नाम सामने आया ! फंडिंग करने के पीछे इन कोचिंग सेंटर्स की क्या मंसा थी !

मोर्चा लगातार सरकार /पुलिस महानिदेशक से बेरोजगार आंदोलन में हुई फंडिंग मामले में कोचिंग सेंटर्स व फंडिंग बाजों की भूमिका की जांच की मांग कर चुका है, लेकिन इस महत्वपूर्ण मामले में कोई दिलचस्पी लेने को तैयार नहीं| पूर्व में पेपर लीक मामले में कई जालसाज जेल जा चुके हैं, ऐसे में हो सकता है कि कहीं न कहीं गड़बड़ झाला हो, जिसकी गहन जांच होनी आवश्यक है |

आखिर दिन- रात पढ़-पढ़ कर अपनी आंखें खत्म करने वाले युवा कब तक छले जाते रहेंगे ! नेगी ने सरकार को आगाह किया कि अगर इसी प्रकार फंडिंग होती रही तो प्रदेश में अराजकता आने में देर नहीं लगेगी | किसी खास मकसद के लिए की गई फंडिंग व दान- चंदा, किसी भी राज्य को बर्बाद करने के लिए काफी है; इसलिए समय रहते सचेत होने की आवश्यकता है|

मोर्चा सरकार से फिर मांग करता है कि पेपर लीक मामले में और पूर्व में हुए बेरोजगार फंडिंग मामले में कोचिंग सेंटर्स की भूमिका की भी जांच कराए | पत्रकार वार्ता में -मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह सिंह मौजूद थे |

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