अब काूनन से होगी विधायकों के वेतन से कटौती
कैबिनेट ने इस बारे में विस सत्र में विधेयक लाने को दी मंजूरी
सतर्कता विभाग को आरटीआई के दायरे से किया बाहर
सरकारी कालेजों से गेस्ट टीचर की अवधि एक साल बढ़ी
देहरादून। सरकार ने तय किया है कि विधायकों के वेतन और भत्तों में कटौती के लिए अब कानून बनाया जाएगा। राज्य कैबिनेट की बैठक में इस कटौती के लिए विस के आगामी सत्र में एक विधेयक लाने को मंजूरी मिल गई है। एक अन्य अहम फैसले में कैबिनेट ने सतर्कता विभाग को सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 30 प्रस्तावों पर विचार के बाद 28 को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने तय किया है विधायकों के वेतन और भत्तों में कटौती के लिए कानून बनाया जाए और विस के आगामी सत्र में ही एक विधेयक सदन में पेश किया जाए। यहां बता दें कि कोविड महामारी से निपटने को धन की व्यवस्था के लिए कैबिनेट ने विधायकों के वेतन और भत्तों में तीस फीसदी की कटौती के साथ ही विधायक निधि में कमी की थी। लेकिन तमाम विधायकों ने वेतन और भत्तों में कटौती के लिए अपनी सहमति ही नहीं थी। इनमें भाजपा के विधायक ही सबसे ज्यादा थे। इससे खासी असमंजस की स्थिति बन गई थी। अब सरकार ने कानून बनाकर इस कटौती को समान रूप से लागू करने का फैसला किया है।
कैबिनेट ने एक अन्य अहम फैसले में सतर्कता विभाग को सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया है। अब इस अधिनियम के तहत सतर्कता विभाग से किसी भी तरह की जानकारी नहीं ली जा सकेगी। कैबिनेट ने राज्य के सरकारी कालेजों में काम कर रहे संविदा गेस्ट टीचरों का सेवा अवधि को एक साल बढ़ा दिया है। इस तरह के राज्य में 257 टीचर काम कर रहे हैं।