राजनीति

भाजपा नेता अजय का पार्टी से मोह भंग

40 साल पुराने खांटी संघी ने लगाया जसपुर की उपेक्षा का आरोप

जल्द ही करेंगे अगले कदम का खुलासा

देहरादून। ऊधमसिंह नगर जिले के जसपुर शहर निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता अजय अग्रवाल का पार्टी से मोह भंग सा हो गया है। लगभग 40 साल पुराने खांटी संघी इस नेता ने सरकार पर जसपुर की उपेक्षा का आऱोप लगाया। उनका कहना है कि इस सरकार के समय में जसपुर के भाजपा नेताओं की कोई सुन नहीं रहा है। माना जा रहा है कि ये वरिष्ठ नेता आने वाले कुछ दिनों में ही अपना नया सियासी सफर शुरू कर सकते हैं।

भाजपा नेता अजय ने न्यूज वेट से कहा कि उन्होंने जसपुर शहर और यहां के भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के विरोध में भाजपा से दूर होने का तय कर लिया है। उपेक्षा का आलम यह है कि राज्य बनने के बीस साल बाद भी जसपुर की समस्याएं वहीं हैं, जो यूपी के समय में थी। इस शहर में एक स्टेडियम और रोजवेज बस अड्डे की मांग दशकों पुरानी है। राज्य बनने के बाद डेढ़ साल, 2007 से 2012 तक और अब पिछले साढ़े तीन सालों से भाजपा की सरकार है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। इस बारे में मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी कई बार बात की। काशीपुर से जसपुर होकर धामपुर तक रेलवे लाइन के बारे में महज बातें ही की जा रही है। मौजूदा सीएम इस जसपुर शहर में एक मिनट के लिए भी नहीं आए। नगर और मंडल स्तर के भाजपा नेताओं की बात तो दीगर यहां से भाजपा के टिकट पर 39 हजार वोट लाने वाले डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल तक की कोई कद्र नहीं हो रही है।

अजय अग्रवाल, जसपुर

भाजपा नेता ने कहा कि वे 40 से संघ और भाजपा से जुड़े हैं। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के साथ ही व्यापार प्रकोष्ठ का प्रदेश महामंत्री भी रहा। 1977 में संघ की ओटीसी की। राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया। बाबरी ढांचे को ढहाने के लिए जसपुर से 80 युवाओं को लेकर गया। ढांचे के गुंबद को गिराते हुए उनका फोटो पांचजन्य तक में छपी। लेकिन भाजपा में अब पुराने लोगों की कोई कद्र नहीं रह गई है। यहां से कांग्रेस ने आने वालों को ही तरजीह दी जा रही है।

इधर, जसपुर के सियासी गलियारों में चर्चा है कि अजय अग्रवाल आने वाले कुछ दिनों में ही कोई नई सियासी राह पकड़ सकते हैं।  

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