शक्ति प्रकाश बोले, काशीपुर मेयर का टिकट मिलने का पूरा विश्वास
शक्ति प्रकाश बोले, काशीपुर मेयर का टिकट मिलने का पूरा विश्वास
मेरे दादाजी दो बार रहे हैं काशीपुर नगर पालिका के चैयरमेन
देहरादून। काशीपुर नगर निगम में भाजपा से मेयर पद के टिकट के दावेदार बिजनेसमैन शक्ति प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि उनका उद्देश्य जनता की सेवा करना है। वो पार्टी के पुराने सिपाही हैं और टिकट के लिए डिजर्व करते हैं, पार्टी उनके नाम पर गंभीरता से विचार करेगी। पूरा विश्वास है कि पार्टी उनको ही टिकट देगी।
एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि “उनके दादा लाला रामनिवास काशीपुर नगर पालिका के दो बार चेयरमैन रहे है। उनके दादा नें आजादी से पूर्व काशीपुर नगरपालिका के चेयरमैन रहते काशीपुर के विकास में अविस्मरणीय योगदान दिया। अपने दादा की तरह वो भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। विभिन्न चुनावों व राजनीतिक कार्यक्रमों में एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में भागीदारी करते हुए जनता की निस्वार्थ भाव से सेवा की है।”
अग्रवाल कहते हैं, “मैंने जनसेवक के रूप में जो काम किए हैं, पार्टी उनकी ओर ध्यान देगी। मैंने जनता की सेवा के लिए जो निस्वार्थ काम किए वो किसी प्लानिंग के साथ नहीं किए हैं। जनता की सेवा मेरा दायित्व है। मेरा उद्देश्य राजनीति करना नहीं, बल्कि जनसेवा करना है। मेरे पिता स्व. मुलप्रकाश अग्रवाल और दादाजी लाला रामनिवास सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हमेशा आगे रहे हैं। मैं अपने दादाजी और पिताजी की समाजसेवा और काशीपुर के विकास में योगदान पर गौरवान्वित होता हूं। उनका आशीर्वाद है, जो मुझे समाजसेवा से जोड़ता है। ”
काशीपुर नगर निगम से मेयर पद के टिकट की दावेदारी पर एक सवाल पर अग्रवाल कहते हैं, जनता के समर्थन ने मुझे दावेदारी के लिए प्रेरित किया। मुझे लगातार लोगों से समर्थन मिल रहा है। मैंने जनता के समर्थन पर ध्यान देते हुए चिंतन किया और दावेदारी प्रस्तुत की। मेरे लिए राजनीति जनसेवा है, यह कोई कमाई का साधन नहीं है। मैं दिल की आवाज सुनता हूं और मैं अपने शहर, प्रदेश और देश के हित के लिए कार्य करता हूं, भविष्य में भी यह सेवा जारी रहेगी।
युवा व्यवसायी अग्रवाल कहते हैं, “मैंने हमेशा भाजपा के लिए कार्य किया है। मैंने अभी तक समाज सेवा किसी टिकट या प्रत्याशी बनने के लिए नहीं की। मुझे जनता ने समर्थन दिया है। जनता चाहती है कि मैं मेयर पद के लिए दावेदारी करूं, क्योंकि लोग चाहते हैं कि मेयर बनने के बाद शहर के विकास में, जनसेवा में मेरा योगदान महत्वपूर्ण होगा। मेरे दादा जी, जो नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं कि छवि काशीपुर की जनता को मेरे भीतर दिखती है।”
उनका कहना है, ‘जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों, दोनों जनता के सेवक होते हैं। दोनों का उद्देश्य एक ही होता है,वो है जनता की सेवा। जनता की समस्याएं स्थानीय स्तर पर दूर करने का काम स्थानीय निकायों का होता है। यहां जो समस्याएं निस्तारित नहीं हो पातीं तो वो शासन और मुख्यमंत्री के समक्ष जाएंगी।”
कहते हैं ” पार्टी विश्वास जताएगी तो टिकट मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है, इसलिए मैं कहीं भी दौड़ भाग नहीं कर रहा हूं। पार्टी मुझे टिकट नहीं देगी तो मैं उनके लिए निस्वार्थभाव से कार्य करुंगा, जिनको पार्टी टिकट देगी।”
एक सवाल पर युवा व्यवसायी शक्ति प्रकाश अग्रवाल कहते हैं, “यदि मुझे काशीपुर नगर निगम में जनप्रतिनिधि चुना गया। पांच साल जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। पांच साल बाद मुझे सेल्फ असेसमेंट में लगा कि मैं जनता के साथ किए वादों पर खरा नहीं उतरा, जनता की सेवा में फेल साबित हुआ , तो मैं काशीपुर छोड़कर चला जाऊंगा। दोबारा राजनीति में कदम नहीं रखूंगा। अगर जनता की सेवा और अपने वादों पर खरा उतरा और पार्टी ने पुनः मौका दिया तो मैं फिर से चुनाव के लिए तैयार रहूंगा। मैंने यह बात इसलिए कही, क्योंकि मुझे पूरा विश्वास है कि मैं जनता की सेवा और वादों पर खरा उतरूंगा।”