उत्तराखंड की बेटी सविता को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड
मशहूर पर्वतारोही ने 16 दिनों में फतह की थीं एवरेस्ट सहित दो ऊंची चोटियां
- उत्तराखंड की बेटी सविता को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड
- मशहूर पर्वतारोही ने 16 दिनों में फतह की थीं एवरेस्ट सहित दो ऊंची चोटियां
- CM धामी ने सविता के साहस और दृढ़ता को किया नमन
- कहा, साहस के क्षेत्र में मिले पुरस्कार से उत्तराखंड हुआ गौरवान्वित
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी प्रख्यात पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से नवाजा गया है। आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वर्गीय सविता के पिता श्री राधेश्याम कंसल को यह पुरस्कार प्रदान किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतारोही सविता के अदम्य साहस और दृढ़ता को नमन करते हुए कहा कि इस पुरस्कार ने उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम लोंथरू निवासी सविता कंसवाल ने 16 दिनों में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मी.) और दूसरी ऊंची चोटी माउंट मकालू (8485 मी.) को फतह कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण के 16वें दिन यानी 28 मई 2022 को उन्होंने दुनिया की 5वीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू पर भी तिरंगा फहराया। मात्र 25 वर्ष की उम्र में इन दो ऊंची चोटियों को फतह करने वाली सविता विश्व की पहली महिला पर्वतारोही थी।
पर्वतारोही सविता ने कई अन्य चोटियों पर भी सफल आरोहण किया है। चार अक्टूबर 2022 को काल के क्रूर हाथों ने इस होनहार बेटी को इस दुनिया से छीन लिया। द्रोपदी का डांडा चोटी पर आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से सविता का निधन हो गया। तब सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के दल के साथ द्रोपदी का डांडा चोटी के आरोहण को गईं थी। तभी चोटी से उतरते वक्त पर्वतारोही एवलांच की चपेट में आ गए।