एक्सक्लुसिव

सीएम की न के बाद भी कुर्सी पर काबिज साहब

हालातः तीन दिन में भी सचिवालय से ब्रिडकुल दफ्तर नहीं पहुंचा आदेश

प्रभारी एमडी का आदेश शासन स्तर पर लंबित

छुट्टी के बहाने कब्जा बरकरार रखने की कोशिश

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। मुख्यमंत्री ने भले ही ब्रिडकुल के एमडी को सेवा विस्तार देने से इंकार कर दिया है। लेकिन तीन दिन बाद भी सचिवालय से इसका आदेश ब्रिडकुल नहीं पहुंच पाया है। आलम ये है साहब अभी भी कुर्सी काबिज हैं। इतना ही नहीं अब छुट्टी का आवेदन देकर कुर्सी पर काबिज रहने की चर्चा भी तेज हो रही हैं।

एसएमएस का स्क्रीन शाट

ब्रिडकुल के एमडी रहे रेलवे सेवा के अधिकारी मनोज सेमवाल की प्रतिनियुक्ति अवधि 31 जनवरी को खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी वे न केवल कुर्सी पर काबिज रहे, बल्कि वित्तीय अधिकारों का भी इस्तेमाल करते रहे। न्यूज वेट ने इस मामले को उजागर किया तो सरकार ने कुछ अफसरों की शह पर चल रही प्रतिनियुक्ति बढ़ाने की फाइल रिजेक्ट कर दी। सीएम ने यह भी लिखा कि किस अफसर को एमडी का प्रभार देना है।

इसके बाद भी ये साहब आज तक कुर्सी पर काबिज हैं। बताया जा रहा है कि सरकार के स्तर पर मैनेज करने की कोशिश हो रही है। सूत्रों ने बताया कि इस अधिकारी ने अब छुट्टी के लिए आवेदन कर दिया है। ताकि किसी और को चार्ज न दिया जा सके। अहम बात यह भी है कि शासन स्तर से किसी अन्य को प्रभार देने के विषय में आज तक आदेश जारी नहीं किया गया है।

इस मामले में सेमवाल से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई। फोन पिक न होने पर उन्हें एसएमएस किया गया। सेमवाल ने एसएमएस से जो जवाब दिया है वो इस प्रकार है। आदेश का इंतजार कर रहा हूं। मैं गुरुवार को अवकाश पर हूं कल (गुरुवार) को दफ्तर में ही रहूंगा। । सवाल यह है कि आखिर किस अफसर की शह पर रेलवे सेवा के ये अफसर ब्रिडकुल को अपनी जागीर सी समझ रहे हैं। आखिर क्या कारण है कि मुख्यमंत्री की न के बाद भी ये अफसर अपनी कुर्सी पर आज भी कायम है और किसी और को प्रभार देने का आदेश शासन में क्यों लंबित है।

अब सवाल यह है कि आखिर कौन अफसर है जो मुख्यमंत्री के आदेश पर भी अमल नहीं कर रहा है। उससे भी बड़ा सवाल यह है कि ब्रिडकुल में ही तैनाती को लेकर इतनी जद्दोजेहद आखिर क्यों।

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