विकास का मंत्रः दूर दृष्टि, पक्का इरादा और सत्ता में पकड़…
तीनों की कसौटी पर खरे साबित हो रहे हैं भाजपा के दीपक बाली

विकास का मंत्रः दूर दृष्टि, पक्का इरादा और सत्ता में पकड़
तीनों की कसौटी पर खरे साबित हो रहे हैं भाजपा के दीपक बाली
सीएम धामी बोले, बाली को जिताओ,मैं संवारूंगा काशीपुर
काशीपुर महानगर के चुनावी दौरे के बाद एक खास रपट
देहरादून : किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए मूल मंत्र होता है, जनप्रतिनिधि की दूर दृष्टि, पक्का इरादा और सत्ता में उसकी पकड़। इस संवाददाता से काशीपुर महानगर क्षेत्र का दौरा किया तो पाया कि यहां से भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ रहे दीपक बाली इन तीनों की कसौटियों पर खऱे साबित हो रहे हैं। सोने पर सुहागा ये है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी यहां ऐलान करके गए हैं कि बाली को आप मेयर बनाओ। काशीपुर को मैं संवारूंगा।
इस संवाददाता से पिछले दो दिन तक काशीपुर महानगर क्षेत्र का दौरा किया। पाया कि क्षेत्र में विकास की खास जरूरत है। बीस साल से भाजपा के विधायक हैं और पहले पालिकाध्यक्ष और फिर मेयर भी भाजपा का रहा या भाजपा का समर्थित रहा। पर एनडी तिवारी के बाद से इस काशीपुर का कोई विकास न हो सका। इसकी वजह सिर्फ ये रही कि जन प्रतिनिधियों के पास न तो विकास की सोच थी और न ही सूबे की सत्ता पर पकड़। नतीजा ये रहा है कि डबल और त्रिपल इंजन भी विकास के नाम पर न खिसका।
अब बात करते हैं कि इस बार भाजपा के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ रहे दीपक बाली की। इस युवा के पास विकास का एक खाका है। उसके लिए बगैर किसी पद के ही काम कर रहा है। सीएम धामी से नजदीकी है तो विधायक से ज्यादा काम तो खुद जाकर काशीपुर के लिए करवा देता है। सत्ता में पकड़ का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बगैर किसी पद से सरकारी खर्चे पर सुरक्षाकर्मी मिला हुआ है। सीएम दरबार में सीधी एंट्री है। ये युवा सीएम दरबार जाता है कि विकास के कामों पर सीधे आदेश करवा देता है।
इस युवा दीपक बाली को तमाम दिग्गजों की दावेदारी को नजरअंदाज करके मेयर का टिकट मिलना, उसकी सरकार और संगठन में मजबूत पकड़ का साफ इशारा कर रहा है। ये सत्ता और संगठन की ही हनक रही कि किसी भी दिग्गज से बाली के खिलाफ खुलकर सामने आने की हिम्मत नहीं की।
रही बची कसर सीएम धामी ने बाली के प्रचार में रोड शो और जनसभा करके पूरी कर दी। सीएम धामी ने सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया कि काशीपुर का अवाम बाली को मेयर बनाए तो काशीपुर के संवारने का जिम्मा मेरा। यह भी इस बात का इशारा करता है कि अगर जनता बाली को मेयर चुनती है तो दो-ढाई दशकों से उपेक्षित चल रहे काशीपुर के दिन बहुरने से कोई रोक नहीं सकता।