उत्तराखंड

सीएम सचिव से तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश 

सीएम सचिव से तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश

दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग फिर हुई तेज

राज्य संयोजक मर्तोलिया ने की सीएम धामी से मुलाकात

सरकार को दिया एक सप्ताह का समय

देहरादून।

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के अनुरोध पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की रिपोर्ट को तलब करने के आदेश दिए। उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री से तक पहुंच चुकी रिपोर्ट को तत्काल अपने सम्मुख प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अध्ययन के बाद इस मांग पर तस्वीर साफ होगी। राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की।

उन्होंने मुख्यमंत्री से पंचायती राज अनुभाग एक से भेजी गई रिपोर्ट जो मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पांडे के पास मौजूद है, उस रिपोर्ट को तत्काल अपने पास मंगा कर संगठन के डेलिगेशन के साथ सांझा करने का अनुरोध के लिए ज्ञापन भी दिया।

मुख्यमंत्री ने संगठन के इस मांग पत्र पर मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पांडे को आदेशित किया कि वे तत्काल इस रिपोर्ट को उनके सम्मुख प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि एक बार रिपोर्ट को का अध्ययन करने के बाद ही संगठन के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता हेतु आमंत्रित करेंगे।

राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि अनुच्छेद 243 (जी) में स्पष्ट लिखा हुआ है कि अगर प्रथम बैठक से अंतिम बैठक तक निरंतर पंचायत की बैठके होती है तो उसे ही पांच साल का कार्यकाल माना जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार के पास बहुत रास्ते है, जिनके माध्यम से कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के सम्मुख इस बात का प्रस्ताव रखा कि प्रशासक समिति के माध्यम से 2001 में उत्तराखंड में निर्वाचित प्रतिनिधियों को कार्य करने का अवसर दिया गया। आज भी इस नियम को यहां लागू किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पहलू का अध्ययन कर रही है। राज्य संयोजक ने मुख्यमंत्री से एक सप्ताह के भीतर सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार के दृष्टिकोण के बाद ही संगठन अपना अंतिम फैसला लेगी। मुख्यमंत्री से हुई सकारात्मक वार्ता के बाद राज्य संयोजक ने कहा कि अभी भी कुछ उम्मीद शेष बची हुई है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को अधिक समय नहीं दिया जा सकता है।

संगठन न्यायालय जाने का रास्ता भी खोज रही है।

इसके लिए नैनीताल में अधिवक्ताओं की एक टीम अध्ययन के लिए गठित कर दी गई है।

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