उत्तराखंड

संत समाज ने सीएम धामी को करार दिया सनातन धर्म का रक्षक

संत समाज ने सीएम धामी को करार दिया सनातन धर्म का रक्षक

सीएम धामी के दो फैसले से बना शांति का माहौल

संत व तीर्थ पुरोहित बोले, सरल व सूझबूझ वाले सीएम धामी जी..आभार..आभार.. आभार

हिन्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र खोलने व चारधाम के अन्यत्र उपयोग पर लिए कड़े फैसले की सराहना

देहरादून। दिल्ली में केदारनाथ धाम के मुद्दे पर कुछ दिन पहले तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे तीर्थ पुरोहित अब कह रहे हैं, आभार,, शुक्रिया,, थैंक यू सीएम धामी जी.यही नहीं प्रमुख संत व तीर्थ पुरोहित यह भी कह रहे हैं कि सीएम धामी ने अपनी सूझ बूझ व सरलता से केदारनाथ धाम को लेकर उठे विवाद को खत्म कर दिया है। संतों ने सीएम धामी को सनातन धर्म का रक्षक करार दिया।

उत्तराखण्ड के चारों धामों व अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम के अन्यत्र उपयोग पर कड़े कानूनी प्रतिबंध व हिन्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र सम्बन्धी धामी कैबिनेट के फैसले का संत समाज और तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया है।

इस कड़ी में स्वामी अवधेशानन्द गिरी जीमहाराज, रामभद्राचार्य, स्वामी परमात्मानंद, स्वामी यतीन्द्रानन्द व तीर्थ पुरोहितों ने वीडियो बयान जारी कर एक स्वर में प्रशंसा की है।

संतों ने कहा कि सीएम धामी के इस फैसले से धामों के नाम का दुरुपयोग करने वालों पर अंकुश लगेगा।

संतों ने सीएम धामी को धर्म और संस्कृति की रक्षा को समर्पित धर्मरक्षक करार दिया। रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रत्येक सरकारी विवि में हिन्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र खोलना सराहनीय कार्य है। इससे सनातन धर्म के अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि सीएम ने हिन्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र खोलने का साहसिक व सम सामयिक निर्णय लिया है। यह फैसला लेकर सीएम धामी ने देवभूमि की कल्पना को साकार किया है। उन्होंने कहा कि देश के सभी सरकारी विवि में सनातन धर्म के अध्ययन केंद्र खुलने चाहिए। केंद्र सरकार को इस फैसले को पूरे देश में लागू करना चाहिए।

यमुनोत्री धाम के पुरोहितों ने उत्तराखण्ड के चारधामों के नाम का दुरुपयोग कोई ना कर पाए इस पर धामी कैबिनेट के निर्णय की प्रशंसा कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है । और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को आभार पत्र भी भेजा।

चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला ने धामी कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे चार धाम व अन्य पौराणिक मंदिरों के नाम का कोई दुरुपयोग नहीं कर पायेगा।

अध्यक्ष पुरोहित महासभा पुरषोत्तम उनियाल ने कहा कि सीएम धामी का चारधाम के प्रति सकारात्मक रवैया रहा है। उनके फैसले से चारों धामों के तीर्थ पुरोहित खुश हैं। कोई निजी ट्रस्ट अब धामों के नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकेगा।

तीर्थपुरोहितों ने सीएम धामी को सूझ बूझ व सरल नेता बताते हुए कैबिनेट के निर्णय पर आभार जताया। कहा कि, सीएम ने चारों धामों के नाम के उपयोग से उठे विवाद को सरलता से खत्म कर दिया।

कहा कि धामी कैबिनेट ने चार धाम व पौराणिक स्थलों के नाम के दुरुपयोग के खिलाफ भी सख्त कदम उठाकर विवाद को खत्म कर दिया है।

तीर्थपुरोहित महापंचायत से जुड़े बृजेश सती ने कहा कि चारधाम महापंचायत से जुड़े सभी पदाधिकारी व रावल धामी कैबिनेट के निर्णय का स्वागत करते हैं।

गौरतलब है कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के बौराड़ी में केदारनाथ धाम के निर्माण को लेकर राजनीतिक,धार्मिक क्षेत्र में भूचाल आ गया था। चारधाम महा पंचायत व धार्मिक जगत की हस्तियों व शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द की बयानबाजी से स्थिति और भी विकट हो गयी थी। हालांकि, बौराड़ी के शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद आचार्य महामंडक्सगवार

बाद में दिल्ली की केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने दून आकर स्थिति साफ की। रौतेला ने कहा कि ट्रस्ट का नाम बदला जाएगा। साथ ही केदारनाथ धाम का उपयोग किया जाएगा।

रौतेला ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार का दिल्ली में मंदिर निर्माण से कुछ लेना देना नहीं है। उनके आग्रह पर सीएम शिलान्यास कार्यक्रम में आये थे। रौतेला की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उठे विवाद की तीव्रता कम होती दिखाई दी।

हालांकि, मुद्दे को जिंदा रखते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस 24 जुलाई से हरिद्वार से केदारनाथ तक पैदल यात्रा निकालेगी।

इस बीच, धामी कैबिनेट ने गुरुवार को चारधाम के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान पर मुहर लगा दी। साथ ही सरकारी विवि में हिन्दू संस्कृति अध्ययन केंद्र बनाने की भी घोषणा कर दी।

इन दोनों फैसलों के बाद संत समाज व नाराजगी जता रहा तीर्थ पुरोहित समाज खुलकर सीएम धामी की तरफदारी में उतर आया है। केदारधाम के नाम पर उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक बढ़ते जा रहे राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक तापमान को सीएम धामी के दो फैसलों की ठंडी बौछार ने फिलहाल कूल-कूल कर दिया…

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