उत्तराखंड

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उठाए सवाल

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उठाए सवाल

देहरादून।

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की हालिया भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव प्रसाद सेमवाल ने बोर्ड द्वारा अवर अभियंता, सहायक पर्यावरण अभियंता और सहायक वैज्ञानिक अधिकारी के कुल 17 पदों के लिए आयोजित भर्ती प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इन पदों के लिए केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाना संदेहास्पद है और इससे भर्ती में धांधली की आशंका बढ़ रही है।

सेमवाल ने बताया कि सरकार ने ग्रुप-सी के पदों पर साक्षात्कार की प्रक्रिया पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा केवल साक्षात्कार के आधार पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित करना सवालों के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है और यह सवाल उठता है कि बोर्ड किसके इशारे पर इस तरह का कदम उठा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी बताया कि राज्य के गठन को 25 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभी तक अपनी नियमावली तैयार नहीं की है। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की संभावना और बढ़ जाती है। बोर्ड को कई बार नियमावली बनाने के लिए कहा गया, लेकिन वह इस मुद्दे पर टालमटोल करता रहा है।”

शिव प्रसाद सेमवाल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में पहले ही अवगत कराने की बात कही। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भर्ती प्रक्रिया को केवल साक्षात्कार के आधार पर आगे बढ़ाया गया, तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर इसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने मांग की कि सरकार पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नियमावली तैयार करे और उसके बाद ही पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जाए।

सेमवाल ने हाल के पेपर लीक और भर्ती घोटालों का हवाला देते हुए कहा कि बेरोजगार युवाओं का आक्रोश बढ़ रहा है, लेकिन अधिकारी इससे कोई सबक लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी प्रक्रियाएं सरकार की छवि को धूमिल कर रही हैं।

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और बेरोजगार युवाओं के हितों की रक्षा हो।

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