एक्सक्लुसिव

लाकडाउन से आर्थिक संकट में अधिवक्ता

नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर लगाई मदद की गुहार

ये हैं अधिवक्ताओं की अहम मांगें

वकीलों को 10 और क्लर्कों को मिले पांच हजार रुपये

मार्च और अप्रैल का किराया माफ करे मकान मालिक

घरों की बिजली का बिल माफ करे राज्य सरकार

लाकडाउन अवधि का ऋण का ब्याज माफ करें बैंक

न्यूज वेट ब्यूरो

नैनीताल। लाकडाउन की वजह से अधिवक्तागण भी आर्थिक संकट से घिरते जा रहे हैं। तीन अधिवक्ताओं की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करके कुछ रियायतों और मदद की मांग की गई है। इस याचिका में राज्य सरकार, बार कांउसिल आफ इंडिया और बार कांउसिल आफ उत्तराखंड को पक्षकार बनाया गया है।

अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल, अनिल शर्मा और मुकेश रावत की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इनकी ओर से अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता, पल्लवी बहुगुणा और विकास बहुगुणा ने हाईकोर्ट से कहा कि अधिवक्ता समुदाय एक अगल वर्ग है और इन्हें उसी तरह से अलग से सुविधाएं मिलनी चाहिए। 24 मार्च से लाकडाउन की वजह से कोई काम नहीं मिल रहा है। हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों में वीडिओ कांफ्रेंसिंग से काम हो रहा है। अधिकांश अधिवक्ताओं के पास यह सुविधा नहीं है। जिला न्यायालयों में रिमांड आदि जरूरी कामों के लिए भी अधिवक्ता लाकडाउन की वजह से नहीं जा पा रहे हैं। वकीलों के साथ काम करने वाले क्लर्कों को भी इसी दौर से गुजरना पड़ रहा है। वकालत के काम के अलावा आय का कोई अन्य साधन भी नहीं हैं। ऐसे में जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है।

याचिका में कहा गया है कि बार कांउसिल आफ इंडिया और उत्तराखंड के पास अधिवक्ता राहत कोष उपलब्ध है। वकीलों को 10 हजार और क्लर्कों को पांच हजार रुपये की सहायता दिलवाई जाए। राज्य सरकार सभी अधिवक्ताओं के बिजली के बिल माफ करे। साथ ही मकान मालिकों को आदेश दिया जाए कि माह मार्च और अप्रैल का मकान किराया न लिया जाए। सभी स्कूलों को आदेश देकर बच्चों की फीस माफ करवाई जाए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से बैंकों के लिए गए ऋण का ब्याज माफ किया जाए। साथ ही अदालत में पैरवी के लिए आने-जाने की लाकडाउन से अधिवक्ताओं को छूट दिलवाई जाए।

 

 

 

 

 

 

 

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