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115 साल पहले काशीपुर में लगी थी कपास मिल

90 साल पहले फैली थी प्लेग महामारी और अब कोरोनाःबधवार

वरिष्ठ पत्रकार सुरेश शर्मा की कलम से

कुमाऊं की पहली इंडस्ट्री आज से 115 वर्ष पहले काशीपुर में बंका मल्ल कपास मिल  काशीपुर के नाम से लगी थी। काशीपुर के इतिहास पर चर्चा करते हुए होटल कुमाऊं प्लाजा के संस्थापक स्वामी आनंद गोपाल बधवार  ने यह जानकारी दी।

बधवार ने बताया कि यहां कपास मिल उनके परदादा राय साहब गोपीमल ने लगाई थी। कुमाऊं के तत्कालीन कमिश्न एडब्ल्यु शेक्सपियर ने वर्ष 1905 में उनके दादा जी को बुलाकर काशीपुर के तराई क्षेत्र में इंडस्ट्री लगाने को कहा था।

राय साहब गोपीमल जी फिरोजपुर ( पंजाब) के निवासी थे। उस समय भारत पाकिस्तान एक था। राय साहब उस समय कॉटन मैग्नेट के रूप में पहचाने जाते थे। राय साहब ने काशीपुर में यह मिल अपने बेटे बंकामल के नाम से लगाई थी। आनंद गोपाल बधवार ने बताया की उस समय 99 बीघे का बाग़ बाजपुर रोड पर और रामनगर रोड पर चांदपुर, गोपिपुरा परतापुर   राजस्व गांव पंडा  परिवार से  खरीदे थे। काशीपुर में सौ मशीनों वाली एक कपास मिल यूके मैनचेस्टर प्लेट ब्रॉडर्स कंपनी से नौ लाख में मंगाकर लगाई गई थी। इसमें बंकामल मार्का की कपास तैयार की जाती थी। इस मिल में 105 फीट ऊंची चिमनी लगाई गई थी। आज भी मौजूद है। उन दिनों बैंक नहीं होते थे और सारा कैश लोहे की तिजोरी में रखा जाता था। यह तिजोरी आज भी मौजूद है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1931 में काशीपुर में प्लेग की महामारी फैली थी। उस समय काशीपुर के सैकड़ों लोगों ने इसी मिल में शरण ली थी। प्लेग महामारी से हजारों लोगों की जान गई थी। बाद में प्लेग के कारण ही इस मिल को बंद करना पड़ा था। आज 90 साल बाद वहीं हालत काशीपुर में बने है। करोना महामारी के कारण सारा कारोबार चौपट हो चुका है। तमाम इंडस्ट्री का भी यही हाल है। इससे निपटने के लिए सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे।

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