राजनीति

सदन में काबीना मंत्री सतपाल ने दिए विधायकों के प्रश्नों के उत्तर

नागराज धाम, पिरान कलियर नहीं बनेंगे पांचवां धाम

सूबे में 12393 हेक्टेयर जमीन अभी भी असिंचित

12 जिलों में चिंह्ति नहीं हुए टूरिस्ट डेस्टिनेशन

वीर चंद्र सिंह के परिजनों को नहीं दिया कोई लाभ

लोनिवि में अस्थायी कार्मिकों की तैनाती की नहीं नीति

देहरादून। विस सदन में आज काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विभागों से जुड़े विधायकों के सवालों का जवाब दिए। सवाल के अनुपूरक सवालों पर काबीना मंत्री कई बार परेशान दिखे।

विधायक फुरकान अहमद ने सरकार से पूछा था कि क्या पिरान कलियर को पांचवा धाम घोषित करने की योजना है। मंत्री ने ऐसी किसी योजना या प्रस्ताव से इंकार कर दिया। एक विधायक ने जानना चाहा था कि क्या नागराज धाम को पांचवा धाम घोषित किया जाएगा। मंत्री ने इससे भी इंकार कर दिया।

एक विधायक के सवाल पर सिंचाई मंत्री महाराज ने सदन को बताया कि सूबे में 143 नलकूप खराब पड़े हैं। इस वजह से 12393 हेक्टेयर कृषि भूमि असिंचित की श्रेणी में आ गई है। विधायक संजय डोभाल के सवाल पर मंत्री ने बताया कि राज्य में पंचायती राज विभाग में भ्रष्टाचार के 23 मामले सामने आए हैं। इनकी जांच चल रही है।

विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने सरकार की 13 जिले 13 डेस्टीनेशन योजना पर सवाल पूछा था। इस पर पर्यटन मंत्री महाराज ने बताया कि इस योजना के तहत अभी तक केवल ऊधमसिंह नगर में काशीपुर के द्रोणासागर और हरिपुरा जलाशय का चयन किया गया है। काशीपुर में पुरातत्व विभाग ने काम रुकवा दिया है। अन्य किसी जिले में अभी तक टूरिस्ट डेस्टीनेशन का चयन नहीं हो सका है।

विधायक इंजीनियर रवि कुमार के सवाल पर सिंचाई मंत्री ने बताया कि सूबे में अब कोई डार्क जोन (अत्याधिक जल दोहन) नहीं है। एक विधायक के सवाल पर मंत्री ने बताया कि प्रतापनगर में बांध विस्थापितों के ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें बनाने को जमीन दी गई थी। लेकिन टीएचडीसी से पैसा न मिल पाने की वजह से दुकानों का निर्माण नहीं हो पाया है। विधायक उमेश कुमार के सवाल पर मंत्री ने सदन को बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को सरकार की ओर से अभी तक कोई भी लाभ नहीं दिया गया है। विधायक विक्रम सिंह के सवाल पर मंत्री ने यह तो स्वीकार किया कि लोक निर्माण विभाग में अस्थायी नियुक्तियों के लिए मांग होती रहती है। साथ ही सदन को यह भी बताया कि इस तरह के कार्मिकों की नियुक्ति के लिए आज की तारीख पर विभाग के पास कोई भी नीति नहीं है।

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