उत्तराखंडः निजी लैब में ज्यादा है संक्रमण दर
13 दिन में सरकारी जांच में 8.61 और निजी में 9.78 फीसदी संक्रमण
इस अवधि में 1.30 lakh से ज्यादा हुए हैं टेस्ट
सरकारी में 48 और निजी में 52 फीसदी संक्रमण
देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी और निजी लैब में हो रही सैंपल्स की जांच में कोरोना संक्रमण दर चौंकने वाली है। एक से 13 सितंबर के बीच राज्य में कुल 13 हजार से कुछ ज्यादा सैंपल्स की जांच हुई है। इसमें सरकार लैब में संक्रमण की दर 8.61 और निजी लैब में जांच किए सैंपल्स की दर 9.87 फीसदी आई है। ये आंकड़ा खासा चौंकाने वाला है।
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फॉउडेंशन नाम की संस्था उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमे की ओर से जारी होने वाली रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। इस संस्था ने एक से 13 सितंबर तक के आंकड़ों का अध्ययन किया है। संस्था के मुखिया अनूप नौटियाल ने जो ट्वीट किया है वो चौंकाने वाला है। अनूप बताते हैं कि एक से 13 सितंबर के बीच उत्तराखंड में 13,209 टेस्ट सैंपल्स के हुए हैं। इनमें से 48 फीसदी सरकारी और 52 फीसदी टेस्ट निजी लैब ने किए हैं।
अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड में टेस्ट की संख्या बढ़ रही है। पर टेस्ट के नतीजे चौंकाने वाले हैं। अनूप के ट्वीट के अनुसार सरकारी लैब में जांच को गए और निजी लैब में गए सैंपल्स के नजीते चौंका रहे हैं। सरकारी लैब में संक्रमण का प्रतिशत 8.61 तो निजी लैब में ये 9.87 फीसदी है। अहम बात यह भी है कि सरकार ने निजी अस्पतालों को भी कोविड के मरीजों के इलाज की मंजूरी दी है। इसके लिए सरकार ने रोजाना का तो रेट तय किया है वो बहुत ज्यादा है।
अनूप कहते हैं कि कोरोना टेस्टिंग की जांच की सही पड़ताल के लिए जरूरी है कि सरकार रोजोना आरटीपीसीआर और रेपिड एंटीजन टेस्ट के आंकड़े अलग-अलग जारी करे।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में कोरोना संकट तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए और भी सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।