देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना टेस्ट की रफ्तार खासी धीमी है और सैंपल्स का बैकलॉग खासा बढ़ रहा है। आलम यह है कि 21 मई को 1600 से अधिक सैंपल जांच के लिए लंबित थे। 31 मई को सैपल्स का बैकलॉग 6100 का आंकड़ा पार गया है। यह मामला इस वजह से भी गंभीर है कि बाहर से आए लोगों के सैंपल पाजीटिव पाए जाने से उत्तराखंड में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
उत्तराखंड में कोरोना सैंपल जांच की रफ्तार खासी धीमी है। यहां पड़ोसी राज्य हिमाचल से भी काफी कम संख्या में सैंपल्स की जांच हो रही है। प्रवासियों के उत्तराखंड में लौटने के बाद जांच की रफ्तार कुछ तेज हुई है। इसके बाद भी सैंपल का बैकलॉग लगातार बढ़ रहा है। यह निश्चित तौर पर चिंता की बात है। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि जांच तेज होते ही संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में सैंपल का बैकलॉग बड़ी समस्या बन सकता है।
राज्य में कोरोना संकट पर रिसर्च कर रहे सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यिनिटी फाउंडेशन संस्था के संस्थापक अनूप नौटियाल ने इन हालात का जिक्र करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एक ट्वीट किया है। इसमें केंद्रीय मंत्री को बताया गया है कि किस तरह से राज्य में बैकलॉग बढ़ रहा है। इस ट्वीट के अनुसार 21 मई को 1600 से अधिक सैंपल जांच के लिए शेष थे। 23 मई को इनकी संख्या 2300 और 25 मई को यह संख्या 3500 के पार हो गई। 27 मई को यह संख्या 3900 और 29 मई को 4700 के पार हो गई। 31 मई की शाम तक 6100 से अधिक सैंपल जांच के लिए शेष थे। नौटियाल ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड में सैंपल जांच बढ़ाने में सहयोग की अपील की है।