हरकी पैड़ीःमानवीय भूल या कुदरत का कहर
संयुक्त कमेटी बाहर लाएगी आकाशीय बिजली गिरने का सच
नहीं मिला आकाशीय बिजली गिरने के कोई निशान
सोशल मीडिया पर सवालों के बाद ही चेता प्रशासन
नवीन पाण्डेय
हरिद्वार। हरकी पैड़ी पर आकाशीय बिजली गिरी या फिर मानव जनित लापरवाही रही, ये बात प्रशासन बीते 24 घंटे में भी तय नहीं कर सका। सोशल मीडिया पर जब तमाम तकनीकी पहलूओं पर तर्क दिया जाने लगा तो प्रशासन की नींद खुली और आनन-फानन में बीती देर शाम को एक संयुक्त कमेटी बना दी गई। अब यह कमेटी ही तय करेगी कि हादसे की वजह कुदरत का कहर था या फिर इंसान की भूल को भगवान के नाम करने की कोशिश। ये कमेटी आज अपनी रिपोर्ट देगी।
देश ही नहीं दुनिया के लोगों में हरकी पैड़ी आस्था का केंद्र है। हरिद्वार में दैवीय आपदा आई लेकिन हरकी पैड़ी पर आकाशीय बिजली गिरने या इस तरह का कोई हादसा कभी नहीं हुआ। बल्कि कुंभ स्नान पर पूर्व में घटनाएं हुर्ईं लेकिन दैवीय आपदा की बात सामने नहीं आई। विगत सुबह जब तेज धमाके के साथ 1935 में बनी दीवार गिरी तो सभी हैरान रह गए। कोई इसे गंगा स्नान पर लगी रोक का हवाल देते रहे तो कोई इसके भूमिगत गैस पाइप लाइन और भूमिगत बिजली के तार डालने को हो रही खुदाई के मानकों में लापरवाही को वजह बताते रहे। सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने दौरान किया, आपदा प्रबंधन अधिकारी ने तो साफ कर दिया था कि आकाशीय बिजली गिरने के कोई निशान नहीं मिले। जबकि श्री गंगा सभा की ओर से सुबह से ही आकाशीय बिजली गिरने की बात कही जाती रही। दोनों बयानों में विरोधाभाषी के बाद कई बातें धीर-धीरे निकलकर सामने आती रहीं। आकाशीय बिजली गिरने के कोई निशान नहीं मिलने पर आशंका को और बल मिला। जब सोशल मीडिया पर आकाशीय बिजली गिरने को लेकर सवाल उठते हुए पोस्ट वायरल होने लगे तब जाकर प्रशासन ने देर शाम को एक संयुक्त कमेटी गठित की गई। जिसमें जिलाधिकारी सी रविशंकर की ओर से संयुक्त कमेटी में उर्जा निगम के अधिकारी, भू-वैज्ञानिक और नगर निगम के अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये अपनी जांच रिपोर्ट बुधवार शाम तक सौपेंगे। दिलचस्प और हैरान करने वाली बात ये है कि बिना तथ्यों को जाने ये क्यों प्रचारित किया गया आकाशीय बिजली गिरी है। कई सवाल इस पूरी घटना में उठता है। जिसके जवाब पर निश्चित तौर पर कमेटी जांच कर रिपोर्ट देगी क्योंकि ये केवल हरिद्वार ही नहीं दुनिया की आस्था का केन्द्र है। जंगल में आग की तरह फैली ये खबर की सच्चाई और हकीकत दुनिया के श्रद्धालु जानना चाहते हैं।