एक्सक्लुसिव

एक साल-बेमिसाल: धामी सरकार के नए कानूनों की देशभर में धमक

धामी सरकार ने बनाया धर्मांतरण और नकल विरोधी कानून

राज्य की महिलओं को नौकरियों में 30 फीसदी दिया आरक्षण

आंदोलनकारियों को आरक्षण जैसे लिए कई जनहितैषी निर्णय

अतुल बरतरिया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस अवधि में धामी सरकार ने तमाम चुनावी वायदों को पूरा किया तो हालात के लिहाज से भी अहम फैसले किए। धर्मान्तरण पर रोक के लिए कानून बनाया तो नकल विरोधी कानून, प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और राज्य आंदोलनकारियों को भी आरक्षण का रास्ता साफ किया। अब समान नागरिक संहिता पर भी धामी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।

हालता इशारा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री धामी ने ध्येय वाक्य ‘विकल्प रहित संकल्प’ को आत्मसात कर सरकार ने नई कार्य संस्कृति की ओर कदम बढ़ाया है। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में पूरी सरकार जी-जान से जुटी है। सरकार अब तक कई ऐसी पहल कर चुकी है जो भविष्य में उत्तराखण्ड की प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए वायदे को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया और विशेषज्ञों की समिति गठित की। इसे मई पर ड्राफ्ट तैयार करने को कहा गया है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए  ‘भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064’ शुरू किया है। सरकारी भर्तियों में अब तक घपले-घोटाले करते आये भर्ती माफिया को भी धामी सरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाब रही तो युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करते हुए नकल विरोधी कानून को राज्य में लागू किया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किया गया गरीबों को तीन गैस सिलेण्डर निःशुल्क रिफिल करने के वायदे को भी सरकार धरातल पर उतार चुकी है। महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण और राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाई गई।

राज्य में अफसरशाही को केंद्र बिंदु में रखकर पहली बार मसूरी में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन हुआ। इसके पीछे सरकार का ध्येय यही था कि अधिकारी पुराने ढर्रे को छोड़ नए विचारों और नई कार्यसंस्कृति के अनूरूप कार्य करें। इसने नौकरशाही में नई ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया।

राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में इसी मार्च माह में बजट सत्र आयोजित किया गया। जिसमें जनहित के तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए तो सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो, ये केवल जुमला नहीं बल्कि वास्तव में इसे आत्मसात भी किया जा रहा है।

अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने पर सीएम धामी ने न्यूज वेट से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन  में उत्तराखंड तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है। इस एक वर्ष की यात्रा में हमने तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। चुनाव पूर्व किए गए वायदों को भी हमने पूरा किया है। आज उत्तराखंड विकास की नई गाथा लिख रहा है। पहाड़ में रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं तो खेती, बागवानी को बढ़ावा देकर हम आमजन की आय सृजन के लिए भी ये सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

 

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