एक्सक्लुसिव

हरदा की शिष्या का नया रूप

  पुराने सियासी हरीश रावत पर लगाए आरोप और षणमुगम पर मौन

देहरादून। स्वतंत्र प्रभार वाली राज्यमंत्री रेखा आर्य़ इन दिनों एक अफसर से विवाद को लेकर खासी चर्चा में हैं। ऐसे में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज हरीश रावत की एक पोस्ट के बहाने अपने पुराने सियासी गुरु पर ही हमला कर दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि उन्होंने ऐसा इस वजह से किया है ताकि अफसरों के विवाद को विराम मिल जाए।

राज्यमंत्री रेखा ने फेसबुक पर हरीश रावत के कारनामें खोले हैं। देखिए उनकी ये पोस्ट। पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी जो कि मेरे बड़े दाज्यू है वर्तमान में वह प्रदेश के वयोवृद्ध एवं सेवानिवृत्त राजनेता है तथा वर्तमान में वह राजनैतिक क्षेत्र में विशुद्ध रूप से  बेरोजगार है जिस कारण वह बार-बार सोशल मीडिया के माध्यम से स्वयं को रोजगार परक दिखाने के लिए वह कुछ न कुछ लिखते रहते है। कल उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मेरी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। मैं दाज्यू से कहना चाहती हूँ कि आप भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार खो चुके है क्योंकि राज्य में आपका मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल भ्रष्टाचार की TOP-10 की श्रेणी में मेरी दृष्टि से NUMBER-01 पर रहा है। उम्र के इस पड़ाव में सम्भवतः आपकी स्मरण शक्ति स्वभाविक रूप से कमजोर हो गयी होगी इसलिए मैं आपको आपके कार्यकाल के कुछ महत्वपूर्ण कारनामे स्मरण करना चाहती  हूँ:- 

1- आपका स्टिंग जो समुचे देश ने देखा आप कितने प्यार से अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए कह रहे थे कि “यार_विभाग से मंत्री जो कमा ले, करोड़ो या अरबो मैं अपनी आंख बन्द कर लूंगा बस किसी तरह मेरी कुर्सी बच जाए”।

2- जब आपसे सरकार बचाने की एवज में 20-25 करोड़ देने की बात कही जा रही थी तब अपने प्यार से उत्तर दिया था कि अभी आप देदो और 29 तारीख को सरकार बचने के पश्चात मैं आपको 20-25 करोड़ के साथ टॉपअप (TOP-UP) दे दूंगा। 

3- आपने जिस जनपद में जन्म लिया, जहाँ से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की उसी जनपद के ग्राम-नैनीसार के लोगो की जमीन बिना उनसे पूछे आपने एक अंतरराष्ट्रीय विद्यालय खोलने के नाम पर भूमाफिया से सांठ-गांठ कर कोड़ियों के भाव देदी, आप यहीं नही रुके बल्कि आपने अपने जनपदवासियों पर राजा बनने के बाद तानाशाह की भूमिका में जब ग्रामवासियो ने आपके निर्णय का विरोध किया तो आपने उन पर पुलिस के लाठी डंडे बरसाने से भी गुरेज नही किया। 

4- सम्पूर्ण प्रदेश में एक शराब माफिया का एकाधिकार स्थापित करने के लिए आपने प्रदेश में एक ही FL-2 चलाने के लिए आदेश दे दिया,इसमे भी जब अधिकारियो ने आपकी आंखें खोली तो आपने तानाशाही का फरमान देकर अपनी फ़ाइल पर सीधे आदेश दिया कि मेरे निर्देशानुसार प्रदेश में एक ही FL-2 चलाने के आदेश दे दिये जो बाद में DENIS नाम ने विख्यात होकर आज भी प्रदेश के लोगो के जहन में है।

5- आपके तत्कालीन सचिव मो.शाहिद स्टिंग में साफ-साफ कह रहे है कि शराब की नीति बदलने के लिए मुख्यमंत्री जी से बात हो गयी है 20 करोड़ की धनराशि बड़ी रकम है इसको दिल्ली में लेंगे और यह उत्तराखंड छोटा प्रदेश है पहले मैं फाइलों में कागज ठीक कर लूं।

6-आपके कार्यकाल का NH घोटाला जिसमे आपने अपने चहीतो को करोड़ो -अरबो रुपये का लाभ गैर-कानूनी रूप से पहुँचा कर जनता के पैसे को पानी की तरह बहाया था,जिसकी जांच आज आपके सामने है।

7- आपदा घोटाले में जब करोड़ो रूपये का खुलासा हुआ तो आपने सम्पूर्ण घोटाले को एक लाइन में टंकण त्रुटि कहकर आपने पर्दा डाल दिया। 

8- आपके कार्यकाल में आपकी छत्रछाया में तत्कालीन मा.अध्यक्ष विधानसभा द्वारा विधानसभा में नियम कानून ताक पर रख कर अपने परिवारजनों ,अपने क़रीबियों व अपने प्रियजनों को उच्च पदों पर बिना किसी परीक्षा के नौकरियाँ दे दी गयी। 

उपरोक्त सभी कारनामो का परिणाम रहा कि देवभूमि की प्रबुद्ध जनता ने आपको 2017 विधानसभा में दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव हराया उसके पश्चात लोकसभा चुनाव ने पुनः जनता ने आपको सन्देश दिया कि आप राजनैतिक क्षेत्र से बाहर होकर उम्र के इस पड़ाव में राम नाम जपै। 

आदरणीय दाज्यू हरीश रावत जी मेरा दामन बेदाग है मैने आपके कार्यकाल से सम्बंधित जो यादें आपको आज स्मरण कराई है उनके लिए मैं आपको जिम्मेदारी पूर्वक खुले मंच में बहस के लिए आमंत्रित करती हूँ यदि आपने मेरे ऊपर कोई भी आरोप साबित कर दिया तो मैं राजनैतिक जीवन से सन्यास ले लुंगी साथ ही जो आप पर लगाए गए आरोप जो जनता द्वारा सिद्ध किये जा चुके है उन पर तो मैं आपको सन्यास लेने के लिए भी नही कह सकती क्योंकि जनता ने पहले ही आपको राजनीति से सन्यास करवा दिया है।

अब न्यूज वेट का राज्यमंत्री से सवाल यह है कि हरीश रावत पर आरोप लगाने वाली राज्यमंत्री जी खुद ये बताएंगी कि आखिरकार षणमुगम का कसूर क्या है।

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