मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट पर सूचना आयोग सख्त
गृह विभाग अफसरों को विभागीय कार्यवाही का नोटिस
29 जून से पहले विस पटल पर ऱखें रिपोर्ट
रिपोर्ट को गोपनीय बता नहीं दी थी सूचना
देहरादून। उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग की वार्षिक रिपोर्ट विस पटल पर न रखने पर सूचना आयोग ने कठोर रूख अपनाया है। आय़ोग ने गृह विभाग के दो अफसरों को विभागीय कार्यवाही का नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही रिपोर्ट को विस के पटल पर 29 जून 2022 से पहले रखने का आदेश दिया है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन राज्य मानवाधिकार आयोग की सरकार को पेश वार्षिक/विशेष रिपोर्टों, इस पर कार्यवाही तथा उन्हें विस पटल पर रखने के बारे में सूचना मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने पहले अतिरिक्त शुल्क मांग की। लेकिन भुगतान के बाद कहा कि सुरक्षा एवं गोपनीयता के चलते इसे दिया जाना संभव नहीं है। इस पर नदीम ने उत्तराखंड सूचना आयोग को द्वितीय अपील की।
सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र की पीठ ने इस पर सुनवाई की और नदीम के अपील तथ्यों से सहमति जताई। सूचना आयुक्त सूचना उपलब्ध न कराने तथा विधानसभा के समक्ष उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट न रखने पर कठोर रूख अपनाया। उन्होंने अपने आदेश में लिखा कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी धीरज कुमार और वर्तमान लोक सूचना अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने दायित्वों/कर्तव्यों का निर्वहन सुचारू रूप से नहीं किया है। राज्य मानवाधिकार आयोग की वार्षिक रिपोर्ट/विशेष रिपोर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह राज्य वासियों के मानवाधिकार से संबंधित है। इस रिपोर्ट को समय से मंत्रिमंडल के सामने और विस के पटल पर रखने की जिम्मेदारी शासन की है। दोनों का यह व्यवहार अनुचित एवं दंडनीय है।
लिहाजा दोनों को अपने कार्य के प्रति उदासीनता/लापरवाही बरतने हेतु सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के अन्तर्गत कारण बताओें नोटिस निर्गत किया जाता है कि क्यों न उनके लोेक प्राधिकारी को उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति भेज दी जाए। दोनों अधिकारी अपना स्पष्टीकरण आगामी सुनवाई की तिथि को उपस्थित होकर आयोग के समक्ष प्रस्तत करें। अफसरों यह भी निदेर्शित किया जाता है कि उनको आगामी सुनवाई की तिथि से पूर्व उत्तराखंड राज्य मानव अधिकार आयोेग की वार्षिक रिपोर्ट/ विशेष रिपोर्ट विधान सभा के समक्ष विचार हेतु रखने की कार्यवाही पूर्ण करते हुए संबंधित अभिलेख अपने स्पष्टीकरण के साथ आयोेग को प्रस्तुत करेंगे।
सूचना आयुक्त विपिन ने अपीलार्थी नदीम उददीन से भी अपेक्षा की है कि क्षतिपूर्ति की मांग की गयी है। इसकी लिखित आख्या आयोग को प्रेषित करेंगे। ताकि दोषी अफसरों ने क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की कार्रवाई की जा सके।