‘अपने ही घरों तक सीमित बड़बोले मंत्री’

डोर टू डोर प्रचार से मुखिया का दायित्व निभा रहे पुष्कर
प्रभार वाले जिलों में जाने की मंत्रिय़ों की नहीं स्थिति
प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक प्रेस कांफ्रेंस तक सीमित
सभी को मोदी और धामी का ही दिख रहा है सहारा
देहरादून। भाजपा सरकार के सभी काबीना मंत्री इस समय कांग्रेस के चक्रव्हूय में फंसे दिख रहे हैं। सत्ता के समय में अपने प्रभार वाले जिलों में बड़बोली करने वाले ये मंत्री अब अपनी सीट से बाहर निकल ही नहीं पा रहे हैं। ये सभी एक बार फिर 2017 की तरह मोदी के नाम पर ही चुनाव जीतने की आस में हैं। इसके विपरीत सीएम पुष्कर सिंह धामी पूरे प्रदेश में डोर टू डोर प्रचार कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं।
भाजपा सरकार ने सभी 11 काबीना मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार दिया था। इसके पीछे सोच यही थी कि ये लोग प्रभार वाले जिलों में भाजपा के लिए काम करेंगे। उस समय इन मंत्रियों के बड़बोल और कथित दहाड़ भी चर्चा में रहती थी। अब मौका आया तो सभी मंत्री अपनी-अपनी विधानसभा में ही सिमट गए। प्रभार वाले जिलों की बात तो दीगर ये अपनी पड़ोस की सीट पर भी भाजपा के लिए कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं।
बात करते हैं चार साल तक मंत्री रहे और अब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक की। इनके ऊपर पूरे प्रदेश में प्रचार का जिम्मा है। ये महाशय है कि हरिद्वार शहर सीट पर ही सिमटे हुए हैं। रही बची कसर पूर्व सीएम क्या कौशिक के चेहरे से 20 साल में बोर हो चुके हैं, इस बयान ने कर दी है। ये महाशय प्रचार के नाम पर केवल देहरादून के एक खास होटल में प्रेस कांफ्रेंस तक ही सीमित रह गए हैं।
एक तरफ ये माहौल है तो दूसरी ओर सात माह पहले सीएम बने पुष्कर पूरे प्रदेश में जाकर डोर टू डोर प्रचार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि खटीमा सीट एकदम सुरक्षित है। लेकिन इसके बाद भी पुष्कर अपनी सीट छोड़कर पूरे प्रदेश में दौरा कर रहे हैं। इसके बाद भी भाजपा की अंदरूनी सियासत पुष्कर को निशाने पर ले रही है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का मदन कौशिक की सीट पर दिया गया बयान इसे साफ करने को काफी है।