उत्तराखंड

एसडीसी फाउंडेशन के कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट को लेकर जताई चिन्ता

एसडीसी फाउंडेशन के कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट को लेकर जताई चिन्ता

देहरादून।

वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ते प्लास्टिक कचरे को भविष्य के लिए खतरनाक बताया है। सभी ने कहा कि यदि प्लास्टिक कचरे को कम करने और उसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के प्रयास तेज नहीं किये गये तो पूरी धरती को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सभी ने अपने-अपने स्तर से प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की मुहिम में सहयोग देने का भी आश्वासन दिया।

देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन ने देहरादून में 300 से अधिक प्लास्टिक बैंक स्थापित करने के उपलक्ष्य में बुधवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरिम में ’300 प्लस प्लास्टिक बैंक उत्सव’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का ध्येय वाक्य था, ’हमारा मिशन एक स्वच्छ ग्रह’। कार्यक्रम में अनेक संस्थानों के वैज्ञानिकों, विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों, स्कूल कॉलेजों के शिक्षकों, संस्कृति कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और आम नागरिक भी शामिल हुए।

मुख्य अतिथि आईआईपी के निदेशक डॉ. हरेन्द्र बिष्ट ने कहा कि प्लास्टिक कचरा जिस तरह से बढ़ रहा है, उसके निस्तारण के मामले में उतना काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने प्लास्टिक बैंक को इस दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया और कहा कि सभी को अपने अपने स्तर पर प्लास्टिक कचरे को कम से कम उत्पादन करने के प्रयास करने चाहिए।

सुप्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि शहरों में प्लास्टिक कचरे के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं, लेकिन गांवों की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे प्लास्टिक कचरे के प्रति लोगों को जागरूक करने के प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में प्लास्टिक कचरे को लेकर इसकी जागरूकता
और निस्तारण पर निरंतर काम करने की जरूरत है।

एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने प्लास्टिक बैंक अभियान पर एक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान 2019 देहरादून में सिर्फ एक स्कूल , अपर प्राइमरी स्कूल खुड़बुड़ा की 55 छात्राओं के साथ शुरू किया गया था। आज इस अभियान में करीब एक लाख लोग जुड़े हैं, जिनमें करीब 40 हजार स्कूली छात्र-छात्राएं हैं। उन्होंने कहा कि अब तक उनकी संस्था 132 मैगी प्वॉइंट्स, 92 स्कूल, 40 हॉस्टल, 10 यूनिवर्सिटी और कॉलेज और 8 शो रूम सहित कई अन्य जगहों पर प्लास्टिक बैंक स्थापित कर चुकी है। उन्होंने हर व्यक्ति से अपील की कि वे प्लास्टिक कचरे का कम से कम उपयोग करने का प्रयास करें ।

कार्यक्रम में प्लास्टिक कचरे पर एक पैनल डिस्कशन भी हुआ। इसमें सीएसआईआर- आईआईपी के वैज्ञानिक डॉ. नीरज अत्रे, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डॉ. अंकुर कंसल, स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय के गिरीश उनियाल, एसएल होंडा के प्रवीण गुलाटी, स्वयंभू रीसाइक्लिंग के प्रियांक और एसजीआरआर पब्लिक स्कूल की प्रमोद कुमारी ने हिस्सा लिया। संचालन एसडीसी फाउंडेशन की प्रेरणा रतूड़ी ने किया। पैलन डिस्कशन में यह बात सामने आई कि पहले लोग प्लास्टिक को सिर्फ कचरे की दृष्टि से देखते थे, लेकिन अब लोग इसे लेकर जागरूक हो रहे हैं। कुछ स्टार्ट उप अब वेस्ट टू वेल्थ के तौर पर इसमें आमदनी भी देखने लगे हैं। प्रतिभागियों ने कचरे के सेग्रीगेशन को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया और कहा कि स्रोत से ही कचरे का सेग्रीगेशन जरूरी है।

सोफिया हाई स्कूल नेशविला रोड के विद्यार्थियों ने नाटक प्रस्तुत किया। नाटक के माध्यम से कहा कि जो धरती पहले सोना-चांदी उगलती थी, वह अब प्लास्टिक उगल रही है।

इस मौके पर प्लास्टिक कचरे से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले स्कूली बच्चों को पुरस्कृत किया गया। प्रथम प्लास्टिक बैंक के लिए सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल खुड़बुड़ा को पुरस्कृत किया गया। प्लास्टिक बैंक में बेस्ट परफॉर्मिंग श्रेणी में भवानी बालिका इंटर कॉलेज बल्लूपुर, राजकीय बालिक इंटर कॉलेज लखीबाग, सोफिया हाई स्कूल नेशविला रोड, महावीर जैन कन्या पाठशाला तिलक रोड और गुरुनानक स्कूल रेसकोर्स को पुरस्कार दिया गया।

वीडियो कॉम्पिटीशन में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज लखीबाग को प्रथम, सोफिया हाई स्कूल को द्वितीय और सीएनआई बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड को तृतीय पुरस्कार दिया गया। 6 स्कूलों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के साथ वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, क्वांटम यूनिवर्सिटी, तुलाज इंस्टिट्यूट, यूपीईएस,एवं बी एस नेगी इंस्टिट्यूट ने भी प्रतिभाग किया।

बेहतर सहयोग के लिए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय , एसएल होंडा, क्वांटम यूनिवर्सिटी, सेंट्रियो मॉल, होप टाउन गर्ल्स स्कूल सेलाकुई और श्रीराम ऑटोमोबाइल्स को सर्टिफिकेट सौंपे गए।

कार्यक्रम में अपर निदेशक पर्यटन अभिषेक रोहिला, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदीप जोशी, एफडीए से गणेश कंडवाल,आईआईपी से डॉ. सनत कुमार, डॉ. अविनाश, स्वास्थ्य विभाग से अनिल सती, देहरादून सिटिजन फोरम से जगमोहन मेहंदीरत्ता, राधा चटर्जी, ऋतु चटर्जी, माया निरुला, भारती जैन, सुनील नेहरू, शिशिर प्रशांत,अजय दयाल, अनूप बडोला, जीपीओ से मोहन सिंह रावत, जे. आर. सेमवाल, विंडलास से अनिल सिंह गुसाईं, मॉल ऑफ़ देहरादून से देविका तिवारी, भारती भारद्वाज, आयुष जोशी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे। एसडीसी फाउंडेशन से विनय जुगरान, बिटू, सुभाष, प्रमोद एवं लक्ष्मी प्रसाद मौजूद रहे ।

कार्यक्रम का संचालन एसडीसी फाउंडेशन के दिनेश सेमवाल ने किया। एसडीसी फाउंडेशन के प्यारेलाल एवं प्रवीन उप्रेती के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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